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तहसील कांप्लेक्स में रजिस्ट्री के बाद फर्द निकलवाना नहीं हैआसान, जानें क्या है वजह

तहसील कांप्लेक्स में रजिस्ट्री करवाने के बाद उपभोक्ता को अगर फर्द की जरूरत हो तो उसे निकलवाना आसान काम नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 10:00 AM (IST)
तहसील कांप्लेक्स में रजिस्ट्री के बाद फर्द निकलवाना नहीं हैआसान, जानें क्या है वजह
तहसील कांप्लेक्स में रजिस्ट्री के बाद फर्द निकलवाना नहीं हैआसान, जानें क्या है वजह

विक्की कुमार, अमृतसर: तहसील कांप्लेक्स में रजिस्ट्री करवाने के बाद उपभोक्ता को अगर फर्द की जरूरत हो तो उसे निकलवाना आसान काम नहीं है। फर्द निकलवाने के लिए जब उपभोक्ता पटवारी के पास जाता है तो उसे उसी दिन फर्द देने का नियम है, लेकिन फर्द देने में ही कई-कई दिन का समय लगाया जाता है। पटवारखाने में अगर मैनुअल तरीके से करंट फर्द लेनी है तो उसकी 20 रुपये सरकारी फीस है, लेकिन इसके एवज में 200 रुपये प्रति फर्द वसूले जा रहे है। यह पैसे प्राइवेट कारिंदों के जरिए लिए जाते हैं। इसके अलावा अगर 15 साल पुराने रिकार्ड की फर्द लेनी हो तो उसके प्रति फर्द 700 रुपये लिए जा रहे हैं जबकि इसकी फीस भी 20 रुपये ही है। फर्द केंद्र से फर्द निकलवानी है तो वहां से 25 रुपये प्रति पेज फीस ली जा रही है। कुल मिलाकर जो व्यक्ति अधिक पैसे दे देता है उसका काम समय पर हो जाता है मगर जो नहीं देते है उसे मैनुअल फर्द के लिए बार-बार चक्कर काटने पड़ते हैं। हालांकि लोग इसलिए शिकायत नहीं करते क्योंकि बाद में उन्हें काम करवाने के लिए और दिक्कतें आती हैं। गांवों का रिकार्ड हुआ आनलाइन लेकिन शहरी बहुत कम

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गठबंधन सरकार के समय में आनलाइन फर्द देखने के लिए सारा रिकार्ड कंप्यूटराइज्ड किया गया था। तब गांवों का रिकार्ड आनलाइन हो गया, लेकिन शहरी इलाकों का नहीं हो पाया। कांग्रेस सरकार भी शहरी इलाके के रिकार्ड को कंप्यूटराइज्ड नहीं करवा पाई है। नतीजतन आज भी लोग अगर आनलाइन शहरी इलाके की फर्द देखना चाहें तो वह नहीं देख पाता। पंजाब सरकार की वेबसाइट ही नहीं खुल पा रही है। उसका सर्वर हमेशा ही स्लो रहता है। कालोनी में प्लाट लिया तो उसकी फर्द निकलवाना बहुत मुश्किल

इस समय में कई कालोनाइजरों ने कोलानियां बनाई हैं। उसमें अगर लोग प्लाट लेते हैं तो उसकी फर्द निकलवाने के लिए उसे परेशान होना पड़ता है। केंद्र से अगर कालोनी में लिए गए प्लाट की फर्द निकलवानी है तो उसके एवज में उपभोक्ता को कई गुणा पैसे ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। यहां से प्रति पेज 25 रुपये प्रति भुगतान करने का नियम बनाया गया है, लेकिन लोगों को 1500 से 2500 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। फर्द की एक कापी निकलवाने के लिए पूरी कालोनी की 70-80 कापियां निकलवानी पड़ रही हीं। इससे लोगों को यहां पर 80 गुणा अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। आनलाइन खुद फर्द देख सकते, पर काम नहीं आएगी

पंजाब सरकार की तरफ से फर्द का रिकार्ड आनलाइन किया गया है, जिसे उपभोक्ता पंजाब लैंड रिकार्ड सोसायटी की वेबसाइट पर जाकर खुद देख भी सकता है। मगर उपभोक्ता अगर उसका प्रिट निकालकर उसे सरकारी काम में लगाना चाहे तो वह नहीं इस्तेमाल करपाएगा, क्योंकि उसके ऊपर लिखा रहता है कि नाट फार लीगल पर्पस। जो भी ऐसा करता पाया, उस पर होगी कार्रवाई: डीआरओ

डिस्ट्रिक्ट रेवेन्यू आफिसर मुकेश कुमार का कहना है कि सरकारी फीस के मुताबिक ही फर्द दी जा रही है। अगर कोई ज्यादा पैसे ले रहा है तो उसके बारे वह पता लगवाएंगे कि कौन से लोग है, जो ऐसा कर रहे है। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।


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