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कोविड—19 की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वालों को बचा रहे कांग्रेसी नेता : मजीठिया

पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी की फर्जी रिपो‌र्ट्स के मामले में तुली लेबोरेटरी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इससे लगता है कि कुछ नेताओं ने मामले में समझौता करवाने में भूमिका निभाई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 11:29 PM (IST)
कोविड—19 की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वालों को बचा रहे कांग्रेसी नेता : मजीठिया
कोविड—19 की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वालों को बचा रहे कांग्रेसी नेता : मजीठिया

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कोविड-19 महामारी की फर्जी रिपो‌र्ट्स के मामले में तुली लेबोरेटरी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इससे लगता है कि कुछ नेताओं ने मामले में समझौता करवाने में भूमिका निभाई है। इसमें मुख्यमंत्री के एक ओएसडी की भी भूमिका है। सरकार बताए कि तुली लैब मैनेजमैंट को किसने कांट्रैक्ट दिया है। इसकी जांच की जानी चाहिए।

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उन्होंने अमनदीप अस्पताल का मुद्दा उठाया और बताया कि कैसे अस्पताल वालों ने एक गरीब परिवार के एक लड़के के इलाज के लिए 5.93 लाख रुपये वसूले, फिर भी उसकी बाजू बचाने में असमर्थ रहे। मजीठिया ने पत्रकारों से बात में कहा कि पीपीई किटों के मामले में भी अभी तक पुलिस और सरकार ने कुछ नहीं किया। सरकार में मौजूद कुछ नेता दलालों की भूमिका निभाकर आरोपितों के साथ पुलिस के समझौते करवा रहे है। इनके खिलाफ भी बराबर की कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। रेजिडेंट डॉक्टरों का वजीफा बढ़े व फीस माफ हो

पीजी डॉक्टरों का मुद्दा उठाते हुए बिक्रम मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिदर सिंह मेडिकल कॉलेजों में काम करने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों का वजीफा बढ़ाएं। पीजीआइ चंडीगढ़ सहित दिल्ली और पड़ोसी राज्यों को तुलना में नाममात्र वजीफा दिया जा रहा है। निस्वार्थ सेवा को ध्यान में रखते हुए उनकी फीस भी माफ करें। पंजाब मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों को भी अपने पड़ोसी राज्यों में अपने समकक्षों की तुलना में बहुत ज्यादा हॉस्टल शुल्क भी देना पड़ता है। अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट के पंजाब मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों से ये दो लाख रुपये सालाना ली जाती जबकि पड़ोसी राज्यों में 20 से 40 हजार सालाना है। वजीफे के मामले में पंजाब में रेजिडेंट डॉक्टरों को पड़ोसी राज्यों से मिलने वाले 80 हजार से 99 हजार रुपये प्रति माह के मुकाबले 49 हजार प्रति माह मिलते हैं। अमनदीप अस्पताल के डॉक्टरों पर केस दर्ज करवाने को कहा

मजीठिया ने कहा कि कोविड—19 मामले में अमनदीप अस्पताल का नाम भी आया है। इसको बचा लिया गया और एफआइआर में उसका नाम नहीं दर्ज किया गया। अकाली दल एफआइआर में अमनदीप अस्पताल के डॉक्टरों का भी नाम दर्ज करवाने के लिए आवाज बुलंद करेगा। जिस युवक के इलाज के नाम पर मोटे पैसे अस्पताल के डॉक्टरों ने वसूले है वह पैसे भी डॉक्टरों से वापस दिलवाए जाएंगे। मजीठिया मेरे बड़े भाई, कुछ भी बोल सकते : डॉ. अवतार

आरोपों के बारे में जब अमनदीप अस्पताल के मालिक डॉ. अवतार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बिक्रम मजीठिया मेरे बड़े भाई हैं। उन्होंने जो भी कहा है उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करना चाहते हैं। मजीठिया कुछ भी बोल सकते है।


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