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जलियांवाला बाग के शहीदों के स्मारक का शिलान्‍यास, कैप्‍टन ने कहा- कालापानी के शहीदों का भी स्‍मारक बनेगा

पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग में शहीद हुए लोगों का स्‍मारक बनाया जाएगा। इस शहीद स्‍मारक का निर्माण जलियांवाला बाग से पांच किलाेेेेेेेेमीटर दूर होगा। इसमें सभी शहीदों के नाम अंकित हाेंगे। सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह आज इसका शिलान्‍यास किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 07:14 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 01:21 PM (IST)
जलियांवाला बाग के शहीदों के स्मारक का शिलान्‍यास, कैप्‍टन ने कहा- कालापानी के शहीदों का भी स्‍मारक बनेगा
जलियांवाला बाग के शहीदों के स्‍मारक के लिए लाई गईं मिट्टियों के कलश और जालियांवाजला बाग की फाइल फोटो।

अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को शहीद हुए सैकड़ों लोगों की याद में शानदार स्‍मारक बनाया जाएगा। जलियांवाला बाग से पांच किलोमीटर दूर  बनने वाले इस स्मारक के शिलान्‍यास के लिए समारोह शुरू हो गया है। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह थोड़ी देर में अमृत आनंद बाग स्‍मारक की नींव का पत्‍थर रखा। सीएम स्‍मारक की आधारशिला समारोह में आनलाइन जुड़े। सीएम कैप्‍टन अमरिंदर ने घोषणा की, कि कालापानी में सजा काटने वाले पंजाब के शहीदों का स्‍मारक बनाया जाएगा।

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समारोह में शहीदों के परिवारों के सदस्‍य भी शामिल हुए। समारोह में उनको सम्‍मा‍नित किया गया। स्‍मारक के लिए शहीदों के गांवों की मिट्टी कलश में लाई गई है। जलियांवाला बाग के शहीदों की शहादत के रखे गए  शताब्दी स्मारक निर्माण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह वर्चुअली जुड़े।

उन्होंने कहा कि  जलियांवाला बाग में  1500 के लगभग  लोग शहीद हुए थे परंतु हमारे पास मात्र 492 की ही सूची है।  यह अध्ययन का विषय है और उन हजार परिवारों को ढूंढा जाना चाहिए जिन्होंने जलियांवाला बाग में शहादत दी।  उन्होंने पर्यटन मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को इसकी ड्यूटी देते हुए कहा कि वह इस बाबत पता लगाएं और शहीदों के गांव में स्मारक बने इसे भी सुनिश्चित बनाएं।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसके साथ ही कालापानी में सजा काटने वाले पंजाब के शहीदों के लिए भी राज्‍य में स्मारक बनाने की घोषणा की।  उन्‍होंने कहा कि जानकारी के अभाव में हमें पता ही नहीं है कि हमारे पंजाब के किन वीरों ने कालापानी की सजा काटी है।  कैबिनेट मंत्री चन्नी ने कहा कि जलियांवाला बाग के शहीदों की सही जानकारी जुटाने के लिए गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में एक चेयर स्थापित की जाएगी। इसमें इस पर रिसर्च की जाएगी। इसके अलावा जलियांवाला बाग में शहीद हुए लोगों के गांवों में भी विकास भी करवाए जाएंगे।

समारोह के मंच विराजमान शहीदों के परिवारों के सदस्य मौजूद हैं। उन्‍हें राज्‍य के कैबिनेट मंत्री चरनजीत चन्नी ने सम्‍मानित किया। समारोह में विधायक राजकुमार वेरका, मेयर कर्मजीत सिंह, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी, इंद्रबीर बुलारिया भी मौजूद हैं। जलियांवाला बाग में शहीद हुए 492 लोगों में से प्रशासन 28 परिवारों को ही वेरिफाई कर पाया है। इन परिवारों को समारोह में सम्मानित किया गया।

जालियांवाला बाग के शहीदाें के परिवार के सदस्‍यों को सम्‍मानित करते चरणजीत सिंह चन्‍नी। जागरण

शहादत के 102 साल बाद पंजाब सरकार की ओर से बनाए जाने वाले स्मारक के निर्माण पर 3.5 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। स्मारक के पास सभी शहीदों के नाम भी लिखे जाएंगे।  इस स्‍मारक का नाम अमृत आनंद बाग होगा।

स्‍मारक का नाम अमृत आनंद बाग होगा, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज रखेंगे नींव

तय योजना के अनुसार अगले चार महीने में स्मारक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह स्‍मारक अपने आप में खास होगा और यहां आने वाले लोग जलियांवाला बाग में शहीद हुए सभी लोगों के नाम जान सकंगे।

अमृतसर में शहीद स्‍मारक के शिलान्‍यास समारोह में मौजूद लोग। (जागरण)

ऐसा दिखेगा स्मारक, पांच सफेद पिलर होंगे शहादत के प्रतीक

अमृत आनंद बाग में स्मारक में सफेद मार्बल से पांच पिलर बनाए जाएंगे। ये पिलर आकाश की तरफ बढ़ते हुए दिखाई देंगे। इन सभी की ऊंचाई हाथ की अंगुलियों की तरह अलग-अलग होगी। पिलरों की अलग - अलग ऊंचाई इस बात की प्रतीक होगी कि जलियांवाला बाग में हर आयु वर्ग के लोगों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

बच्चे, युवा, जवान, अधेड़ और बुजुर्गो की कुर्बानी को समर्पित ये पिलर संदेश देंगे कि शहादत देने वालों की कोई आयु सीमा नहीं होती। स्मारक के ईर्द-गिर्द स्लैब बनाई जाएगी जिस पर सभी शहीदों के नाम लिखे जाएंगे। इसके साथ ही स्मारक के चारों तरफ खूबसूरत लेंड स्केपिंग होगी, जो स्मारक की सुंदरता को चार चांद लगाएगी।

शहीदों के घरों व गांवों की मिट्टी का होगा इस्तेमाल

प्रोजेक्ट का सारा काम पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से करवाया जाएगा। खास बात यह है कि अन्य सामग्री के साथ ही शहीदों की याद में बन रहे स्मारक में शहीदों के घरों और गांव की मिट्टी का इस्तेमाल भी किया जाएगा। हर शहीद के पारिवारिक सदस्य या शहीद के गांव से मिट्टी लाई गई है और यह स्मारक का हिस्सा बनेगी।

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'' स्मारक निर्माण को पूरा करने के लिए चार महीने की डेडलाइन रखी गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और तय समय में स्मारक का काम पूरा कर लिया जाएगा।

                                                                               - जेएस सोढ़ी, एक्सीएन पीडब्ल्यूडी, अमृतसर।

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