लॉकडाउन में सात फीसद बढ़ी एलपीजी की खपत
। देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अप्रैल माह में जहां पेट्रोल और डीजल की मांग घटी वहीं एलपीजी की मांग अधिक रही।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अप्रैल माह में जहां पेट्रोल और डीजल की मांग घटी, वहीं एलपीजी की मांग अधिक रही। हालांकि यह मांग बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर सात फीसद बढ़ी मांग को ही बहुत ज्यादा मानते हैं। क्योंकि अप्रैल 2019 और अप्रैल 2020 के दौरान एलपीजी के कारोबार में एक फीसद का भी इजाफा नहीं हुआ था।
अब देश में अनलॉक 2.0 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। होटल, ढाबे और रेस्तरां खुल चुके हैं, लेकिन आज भी यहां पहले जैसी भीड़ नहीं। लोग कोरोना को लेकर इतने डरे हुए हैं कि बाहर से कुछ खाने की बजाय घर में ही तैयार खाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक साल पहले जहां सिलेंडर की बुकिग करवाने के बाद एक सप्ताह तक डिलीवरी का इंतजार करना पड़ता था, आज हालात यह हैं कि बुकिग के 24 घंटे के भीतर ही सिलेंडर घर में पहुंच जाता है।
भारत पेट्रोलियम गैस कंपनी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त के साथ बताया कि इस साल की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में सात फीसद की वृद्धि हुई है, जो 45 हजार सिलेंडर के आसपास है। डिस्ट्रीब्यूटर इसी से खुश थे कि चलो इस दौरान कोई नया कनेक्शन नहीं बिका तो सिलेंडरों की बिक्री में कुछ वृद्धि आई है।
अमृतसर व तरनतारन में 6.27 लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन : चन्नन सिंह
एलपीजी एसोसिएशन ऑफ नार्थ वेस्ट के पूर्व उपाध्यक्ष व संदीप गैस एजेंसी के प्रोपराइटर कैप्टन चन्नन सिंह (सेवामुक्त) कहते हैं कि अमृतसर और तरनतारन जिले में 6.27 लाख से ज्यादा एलपीजी गैस कनेक्शन हैं। लॉकडाउन लगते ही लोगों ने धड़ाधड़ सिलेंडरों का अपने घरों में स्टाक जमा करने लगे। अप्रैल और मई में एलपीजी की खपत बढ़ने का यही एक मात्र कारण रहा। तब सरकार ने गैस की सप्लाई बढ़ा दी और लोगों को बुकिग के एक से दो दिनों में ही सिलेंडर मिले।
जून माह में एलपीजी की मांग में आई कमी : संजय सूरी
सिद्धू गैस एजेंसी के संयुक्त प्रोपराइटर्स संजय पूरी ने बताया कि कोरोना काल के दौरान बाहरी राज्यों के लोगों का वापस लौटना उन पर भारी पड़ा। इससे जून माह में एलपीजी की मांग में कमी आना शुरू हो गई। हलवाई की दुकानें और ढाबे खुले होने के बावजूद एलपीजी की सप्लाई नहीं बढ़ी। क्योंकि लोग आज भी ढाबों और रेस्तरां में खाना खाने से परहेज कर रहे हैं।