दोनों तहसीलों को लगाए ताले, नहीं हुई एक भी रजिस्ट्री, सरकार को करोड़ों का नुकसान
पंजाब रेवेन्यू आफिसर्स एसोसिएशन की तरफ से सोमवार को की गई हड़ताल के कारण सारा कामकाज ठप्प रहा। जिले के सब रजिस्ट्रार रेवेन्यू आफिसर्स तहसीलदार नायब तहसीलदारों ने कोई भी काम नहीं किया जिस कारण सरकार को करोड़ो रुपये का नुक्सान झेलना पड़ा है। तहसील-वन और तहसील-टू के दोनों तरफ के दरवाजे बंद कर दिए गए और उन्हें ताले लगा दिए गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब रेवेन्यू आफिसर्स एसोसिएशन की तरफ से सोमवार को की गई हड़ताल के कारण सारा कामकाज ठप्प रहा। जिले के सब रजिस्ट्रार, रेवेन्यू आफिसर्स, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों ने कोई भी काम नहीं किया, जिस कारण सरकार को करोड़ो रुपये का नुक्सान झेलना पड़ा है। तहसील-वन और तहसील-टू के दोनों तरफ के दरवाजे बंद कर दिए गए और उन्हें ताले लगा दिए गए। दोनों तहसीलों में सब रजिस्ट्रारों की तरफ से कोई भी अप्वाइंटमेंट नहीं खोली गई, जिस कारण कोई भी शहरवासी रजिस्ट्री करवाने के लिए नहीं पहुंचा। यह हड़ताल सात मई तक करने का फैसला किया गया है। अगर सरकार ने उनकी मांगे मान ली तो हड़ताल पहले भी खत्म हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब रेवेन्यू आफिसर्स एसोसिएशन की हड़ताल का पंजाब स्टेट डिस्ट्रिक्ट (डीसी) आफिसर्स यूनियन ने भी समर्थन किया है। यूनियन के पंजाब प्रधान गुरनाम सिंह विर्क ने ऐलान किया है कि उनकी यूनियन एसोसिएशन का पूरा समर्थन करेगी और डीसी दफ्तर, एसडीएम दफ्तर, तहसील और सब तहसीलों में सात मई तक काम बंद रखेगी और सिर्फ कोविड की ड्यूटियां ही की जाएंगी।
इसके अलावा कोई भी काम नहीं किया जाएगा। पंजाब रेवेन्यू आफिसर्स एसोसिएशन के उप प्रधान परमप्रीत सिंह गोराया का कहना है कि सरकार को बार-बार अपनी मांगों के बारे अवगत करवाया गया है। इससे पहले उनकी तरफ से कोर्ट कामों का बायकाट कर रखा था। अगर उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो वह संघर्ष को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू अधिकारियों, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों पर मामले दर्ज किए जा रहे है। उनकी न तो कोई अपील दलील होती है और न ही कोई सुनवाई। उन्हें सुरक्षा तक मुहैया नहीं करवाई गई और सरकारी वाहन तक भी नहीं दिए गए है। उनकी मांग है कि उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाए और सरकारी वाहन उपलब्ध करवाए जाएं।
डीसी दफ्तर इंप्लाइज एसोसिएशन के जिला महासचिव अशनील कुमार का कहना है कि उनकी यूनियन ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है। सात मई तक वह भी हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी यूनियन 8 अप्रैल 20201 को माल विभाग और पंजाब सरकार को नोटिस भेजकर बता दिया था कि मुलाजिमों की मांगों को लागू करने में सरकार कोई भी रुचि नहीं दिखा रही है। सरकार ने तो उनके साथ मीटिग करनी भी बंद कर दी थी। उन्होंने अपील की है कि सरकार उनकी मांगों की तरफ भी ध्यान दे। पिछले लंबे समय से सीनियर सहायक, स्टेनोग्राफर, निजी सहायक, सुपरिटेंडेंट ग्रेंड-2 और सुपरिटेंडेंट ग्रेड-1 की पदोन्नत करे व अन्य मांगों की तरफ भी ध्यान दिया जाए।