मेडिकल कालेज में इंस्टाल हो रही लीनियर एक्सीलेटर मशीन, सिर्फ कैंसर कोशिकाओं पर करेगी प्रहार
खाद्यान्न का कटोरा कहे जाने वाले पंजाब में कैंसर का विष घुल चुका है। कोरोना महामारी के बीच कैंसर भी चुनौती बन चुका है। कैंसर की विष बेल को काटने के लिए सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर में लीनियर एक्सीलेटर मशीन इंस्टाल की जा रही है।
नितिन धीमान, अमृतसर : खाद्यान्न का कटोरा कहे जाने वाले पंजाब में कैंसर का विष घुल चुका है। कोरोना महामारी के बीच कैंसर भी चुनौती बन चुका है। कैंसर की विष बेल को काटने के लिए सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर में लीनियर एक्सीलेटर मशीन इंस्टाल की जा रही है। 13 करोड़ की लागत की यह अत्याधुनिक मशीन इतनी प्रभावी है कि केवल उसी हिस्से पर रेडिएशन देती है जहां कैंसर कोशिकाएं हैं। पूर्व में भाभा ट्रोन व थैरा ट्रोन मशीनें भी यहां इंस्टाल हैं, पर इन मशीनों से फुल बाडी रेडिएशन दिया जाता है। इससे शरीर के कुछ अन्य सेल भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
लीनियर एक्सीलेटर के पार्ट्स मेडिकल कालेज स्थित कोबाल्ट यूनिट में आ चुके हैं। इसकी इंस्टालेशन का काम जारी है। पटियाला मेडिकल कालेज के बाद अमृतसर में यह दूसरी लीनियर एक्सीलेटर मशीन इंस्टाल हो रही है। इसके अतिरिक्त जल्द ही सीटी सिम्युलेटर मशीन भी इंस्टाल होगी। इस मशीन के कुछ पार्ट्स पहुंच गए हैं। ऐसे काम करती है लीनियर एक्सीलेटर
लीनियर एक्सीलेटर मशीन से मरीजों को रेडिएशन से होने वाले साइड इफेक्ट कम झेलने पड़ते हैं। यह मशीन सीधे कैंसर ग्रस्त सेल्स को टारगेट करती है। इससे सामान्य सेल्स पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। मशीन इंस्टाल करने के लिए विभाग में बंकर बनाया जा रहा है। बंकर की दीवारों पर एल्यूमीनियम की परत चढ़ाई जा रही है, ताकि मशीन से निकलने वाला रेडिएशन बाहर न निकल पाए। निजी अस्पतालों में कैंसर के उपचार में लाखों रुपये खर्च होते हैं, पर मेडिकल कालेज में इसका उपचार निश्शुल्क है। प्रिसिपल डा. राजीव देवगण की अगुआई में कैंसर विभाग में लगातार नए प्रोजेक्ट कार्यान्वित हो रहे हैं। कैंसर मरीजों के लिए बन रही सराय
कैंसर से जंग लड़ रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर यह भी है कि पंजाब सरकार अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) में एक आधुनिक सराय बनवा रही है। मेडिकल कालेज में प्रतिदिन 50 मरीजों को रेडिएशन, 40 को कीमोथैरेपी दी जाती है। इसके अतिरिक्त 50 से अधिक मरीज उपचार के बाद फालोअप के लिए यहां आते हैं। ये मरीज अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर से आते हैं। कई मरीज निर्धारित समय पर कीमो या रेडियोथैरेपी करवाने के लिए भी नहीं पहुंच पाते। इनके लिए अस्पताल में सराय बनाई जा रही है। उनकी दवा से लेकर उपचार व खाने तक की व्यवस्था सरकार करेगी। 100 बिस्तरों वाली सराय में मरीजों के साथ उनके स्वजन भी बिना कोई शुल्क दिए रह सकेंगे। खाना भी अस्पताल से मुफ्त मिलेगा। अक्टूबर व नवंबर में कार्यान्वित होगा स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट
मेडिकल कालेज में बहुतप्रतीक्षित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट इसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर में शुरू हो जाएगा। पंजाब सरकार ने तकनीकी विभाग को काम तेज करने के निर्देश दिए हैं। वर्ष 2016 में घोषित यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट कैंसर मरीजों के लिए वरदान बनेगा। इंस्टीट्यूट में कैंसर के उपचार के साथ-साथ युवा डाक्टरों को कैंसर के उपचार की प्रक्रिया, अनुभवी डाक्टरों की ओर से कैंसर पर शोध इत्यादि कार्य किए जाएंगे। 120 करोड़ की लागत से बनने वाले इस इंस्टीट्यूट का लाभ पंजाब के अलावा हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के लोग भी उठा सकेंगे।