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जिले में कोवैक्सीन खत्म, दूसरी डोज लगवाने वालों को बैरंग लौटा रहे अस्पताल

कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा कवच अपनाने के लिए लोगों में बेहद उत्साह है। प्रतिदिन औसतन नौ हजार लोग टीकाकरण करवा रहे हैं। इस बीच जिले में कोवैक्सीन का स्टाक पूरी तरह समाप्त हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 07:30 AM (IST)
जिले में कोवैक्सीन खत्म, दूसरी डोज लगवाने वालों को बैरंग लौटा रहे अस्पताल
जिले में कोवैक्सीन खत्म, दूसरी डोज लगवाने वालों को बैरंग लौटा रहे अस्पताल

नितिन धीमान, अमृतसर

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कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा कवच अपनाने के लिए लोगों में बेहद उत्साह है। प्रतिदिन औसतन नौ हजार लोग टीकाकरण करवा रहे हैं। इस बीच जिले में कोवैक्सीन का स्टाक पूरी तरह समाप्त हो चुका है। तीन मार्च को अमृतसर में 11 हजार कोवैक्सीन की डोज पहुंची थी। दस हजार से अधिक लोगों ने कोवैक्सीन लगवाई, लेकिन अब लोग 28 दिन पूरे होने के बाद दूसरी डोज लगवाने के लिए निजी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं तो उन्हें इन्कार किया जा रहा है। हालांकि उन्हें यह आश्वासन दिया जा रहा है कि अब सरकार ने 42 दिन बाद दूसरी डोज लगाने के आदेश दिए हैं इसलिए जैसे ही कोवैक्सीन पहुंचेगी, उन्हें सूचित कर दिया जाएगा।

असल में कोवैक्सीन की 11 हजार डोज एक ही बार अमृतसर आई। इसके बाद तेजी से यह वैक्सीन लोगों को लगा दी गई। तब स्वास्थ्य विभाग को भी यह अंदेशा नहीं था कि कोवैक्सीन की दूसरी खेप नहीं मिल पाएगी। कोवैक्सीन का स्टाक पंजाब में ही खत्म हो चुका है। पंजाब सरकार द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लगातार संपर्क कर रहा है। सूत्रों के अनुसार कुछ निजी अस्पतालों ने कोविशील्ड का सीमित स्टाक स्टोर कर रखा है। यह स्टाक उन अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिए है जिन्होंने कोविशील्ड की पहली डोज लगवाई थी और दूसरी डोज लगवाने के लिए निजी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। दो दिन से निजी अस्पताल जा रहा, पर वे स्टाक नहीं होने की बात कह लौटा रहे

कोवैक्सीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से निजी अस्पतालों में लोगों को निराशा हाथ लग रही है। मजीठा रोड निवासी मजीठा रोड ने बताया कि उन्होंने सात मार्च को कोवैक्सीन लगवाई थी। नियम अनुसार 28 दिन बाद यानि पांच अप्रैल को दूसरी डोज लगनी चाहिए थी। वह पिछले दो दिन से निजी अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं, पर स्टाक न होने की बात कहकर लौटाया जा रहा है। यदि कुछ और दिन बीत गए तो पहली डोज लगवाने का भी कोई औचित्य नहीं होगा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिन लोगों ने कोवैक्सीन की पहली डोज लगवाई है, उनमें से 50 प्रतिशत को दूसरी डोज भी लगा दी गई है।

केंद्रीय टीम के सामने भी उठाई थी समस्या

इसी सप्ताह तीन दिन तक अमृतसर रही केंद्रीय टीम के सामने सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने यह विषय उठाया था। डा. चरणजीत के अनुसार कोवैक्सीन खत्म होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय टीम में शामिल आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ के डायरेक्टर डा. आरएन सिन्हा ने आश्वासन दिया था कि केंद्र से बात कर जल्द से जल्द कोवैक्सीन भिजवाई जाएगी। डा. चरणजीत ने बताया कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि कोवैक्सीन जल्द से जल्द मिले।


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