किसानों, मजदूरों व आढ़तियों ने नेताओं के बायकाट का लिया फैसला
किसानों मजदूरों और आढ़तियों ने एक संयुक्त फैसला लेकर नेताओं के राजनीतिक बायकाट का फैसला ले लिया है। इस संबंधी गांव चाटीविड में एक बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : किसानों, मजदूरों और आढ़तियों ने एक संयुक्त फैसला लेकर नेताओं के राजनीतिक बायकाट का फैसला ले लिया है। इस संबंधी गांव चाटीविड में एक बैठक हुई। इसमें कृषि कानूनों और एफसीआइ की ओर से जारी नए आदेशों को लेकर चर्चा हुई। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की इस बैठक में सर्वसम्मति से नेताओं का बायकाट करने का फैसला लिया गया है।
किसान नेताओं कंवलप्रीत सिंह, मंगत सिंह, सुच्चा सिंह, सरपंच बलजीत सिंह और सरपंच बख्शीश सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद करने के लिए गंभीर नहीं है। दिल्ली बार्डर पर किसानों का आंदोलन 200 दिन पूरे कर चुका है। सरकार कृषि कानूनों के मुद्दों पर कुछ भी बात के लिए अब तैयार नहीं है। किसानों, आढ़तियों और मजदूरों के सामने एक ही रास्ता रह जाता है कि जो नेता किसानों का समर्थन करने के लिए तैयार नहीं है उनका पूरी तरह बायकाट किया जाए। नेताओं के राजनीतिक कार्यक्रमों का बायकाट किया जाए। अपने गांवों में न तो किसी राजनेता को आने दिया जाए और न ही उनके अपने इलाकों में किसी तरह का राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करने दिया जाए। केंद्र और राज्य सरकारें कृषि कानूनों के मुद्दों पर एकजुट हैं। इसलिए इन का मुकाबला करने के लिए किसानों, मजदूरों और अन्य वर्गों को भी एकजुट होना चाहिए। सरकारें खुलकर अब कारपोरेट घरानों को लाभ देने और उनकी रक्षा करने का एलान कर चुकी हैं। माझा की धरती से पहल कदमी करते हुए नेताओं के बायकाट की मुहिम को राज्य भर में फैलाया जाए। इस दौरान सभी ने इस प्रस्ताव पर हाथ उठा कर सहमति देते हुए नेताओं के कार्यक्रमों का बायकाट करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि किसान अपने गांवों में नेताओं को रैलियां और बैठकें भी आयोजित नहीं करने देंगे। इस दौरान सरवन सिंह, हरकंवल सिंह, सिमरनजीत कौर, हरमिदर सिंह, सुखविदर सिंह, जगीर सिंह, कुलवंत कौर, निर्मल सिंह और लाल सिंह मौजूद थे।