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किसान महिलाओं ने गांव में मनाया किसान महिला दिवस

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के राज्य सचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जंडियाला गुरु रेलवे स्टेशन के बाहर रेल रोको आंदोलन 117 वें दिन में दाखिल हो गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 03:00 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 03:00 PM (IST)
किसान महिलाओं ने गांव में  मनाया किसान महिला दिवस
किसान महिलाओं ने गांव में मनाया किसान महिला दिवस

जागरण संवाददाता, अमृतसर : किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के राज्य सचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जंडियाला गुरु रेलवे स्टेशन के बाहर रेल रोको आंदोलन 117 वें दिन में दाखिल हो गया। जिला प्रधान इंद्रजीत सिंह बाठ की अगुआई में किसानों ने केंद्र सरकार का पुतला फूंक कर रोष व्यक्त किया। किसान महिलाओं ने गांवों में रोष प्रदर्शन करके किसान महिला दिवस पर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रगट किया। किसान नेताओ ने कहा कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड की गांव-गांव में बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। जिला तरनतारन से हजारों ट्रैक्टर ट्रालियों का जत्था 26 जनवरी की परेड में शामिल होने के लिए सुखविदर सिंह सभरा ,और हरप्रीत सिंह सिधवां की अध्यक्षता में 20 जनवरी को दिल्ली के लिए रवान होगा। इस मौके पर अमनदीप सिंह कचरभन, सुरिदर सिंह, बलविदर सिंह, निर्मल सिंह, रेशम सिंह, मुनशा सिंह मौजूद थे।

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मानांवाला टोल प्लाजा पर बचित्तर सिंह की अध्यक्षता में पांच किसान जिनमें हरपाल सिंह, जसकरन सिंह, परमजीत सिंह चाटीविड और सतनाम सिंह शामिल हुए। किसानों की ओर से माल आफ अमृतसर और राज्य सभा सदस्य श्वेत मलिक के घर के बाहर रोष प्रदर्शन किया। इसी तरह किसानों ने कत्थूनंगल टोल प्लाजा और अजनाला रोड पर भी धरने देकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए आवाज उठाई। अघोषित इमरजेंसी से गुरेज करे केंद्र सरकार: बाबा धुम्मा

उधर, दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम सिंह धुम्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अघोषित इमरजेंसी लगाकर दमन की नीतियों को लागू करना शुरू कर दिया है। इससे केंद्र सरकार को गुरेज करना चाहिए। एनआइए के माध्यम से किसान आंदोलन के समर्थकों को नोटिस भेज कर सरकार किसान आंदोलन को दबाना चाहती है, जो आने वाले समय में गलत होगा। केंद्र सरकार सरकारी एजेंसियों को निजी हितों की पूर्ति के लिए उपयोग कर रही है। बहुत सारे लोगों पर देशद्रोह की धाराओं के तहत मामले दर्ज करने की तैयारियां हो रही है। इस से सरकार और किसानों के बीच खाई गहरी होगी। केंद्र सरकार खुलेआम तानाशाही वाली नीतियों पर चलने लग पडी है। किसान एनआइए के नोटिसों से डरने वाले नही है।


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