पाकिस्तान में किरणबाला पड़ी अकेली, शौहर छोड़कर चला गया सऊदी अरब
सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान जानकर वहां धर्म बदलकर निकाह करने वाली किरणबाला उर्फ आमना बीबी को छोड़कर उसका शौहर सऊदी अरब चला गया है। इससे वह पाक में अकेली पड़ गई है।
जेएनएन, अमृतसर। पाकिस्तान जाकर मुस्लिम से शादी करने वाली होशियारपुर की किरण बाला अब वहां अलग-थलग पड़ गई है। सीमा पार के सूत्रों के मुताबिक लाहौर निवासी उसका शौहर मोहम्मद आजम उसे छोड़कर सऊदी अरब चला गया है। वह सऊदी अरब की एक फैक्टरी में नौकरी करता है और दो माह की छुट्टी पर निकाह के लिए ही पाकिस्तान आया हुआ था। सूत्रों के मुताबिक किरणबाला अब निकाह से भी खुश नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वैसाखी पर सिख जत्थे के साथ 12 अप्रैल को पाकिस्तान गई होशियारपुर की किरण बाला अचानक गायब हो गई थी। 16 अप्रैल को उसने वहां धर्म परिवर्तन कर लिया था और किरणबाला से वह आमना बीबी बन गई थी। उसने लाहौर के एक युवक मोहम्मद आजम से निकाह कर लिया था।
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इसके बाद उसने वीजा अवधि बढ़ाने की मांग पाकिस्तान सरकार से की थी। उसका वीजा भी बढ़ा दिया गया था। भारत के पंजाब के होशियारपुर के गढ़शंकर में उसके पहले पति से तीन बच्चे हैैं, लेकिन उसने पाकिस्तान जाकर कहा था कि उसका कोई बच्चा नहीं है।
लाहौर में अपने दूसरे शौहर मोहम्मद आजम के साथ किरणबाला उर्फ आमना बीबी। (फाइल फोटो)
इसके बाद उसके ससुर ने पंजाब सरकार व भारत सरकार से गुहार लगाई थी कि किरण को वापस लाया जाए। इस मामले में ससुर ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पर भी आरोप लगाया था। उसका कहना था कि चूंकि उसने बहू को एसपीजीसी के हवाले किया था इसलिए किरणबाला की जिम्मेदारी एसजीपीसी की थी।
भंगाली को क्लीन चिट देने की तैयारी
दूसरी तरफ, एसजीपीसी के जत्थे में शामिल होकर पाकिस्तान पहुंचने वाली किरण बाला प्रकरण में फंसे श्री दरबार साहिब के पूर्व मैनेजर सुलखण सिंह भंगाली को क्लीन चिट देने की चर्चा जोरों पर है। चर्चा है कि एसजीपीसी की जांच कमेटी ने भंगाली से कोई स्पष्टीकरण तक लेना मुनासिब नहीं समझा।
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सवाल उठ रहे हैं कि अगर पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के पीए तलबीर सिंह गिल ने किरण बाला को जत्थे में भेजने की सिफारिश नहीं की थी तो फिर उन्होंने (भंगाली) किरण बाला के आधार कार्ड पर तलबीर का नाम लेकर यात्रा विभाग को कैसे उसके नाम की सिफारिश की। अगर तलबीर ने सच में भंगाली को किरण की सिफारिश की थी तो फिर भंगाली इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।