किरणबाला के बाद एक और सिख श्रद्धालु पाक में गायब, सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप
पाकिस्तान गए सिख श्रद्धालुओं के जत्थे से महिला किरणबाला के अलावा एक और व्यक्ति गायब हो गया। वह पाक से अाए जत्थे के साथ भारत नहीं लौटा। 24 साल के इस युुवा का कोई पता नहीं चला।
जेएनएन, अटारी (अमृतसर)। वैशाखी पर्व पर पाकिस्तान में गुरुधामों के दर्शनों करने गए सिख जत्थे में से किरणबाला के बाद एक और श्रद्धालु गायब हो गया है। यह सिख श्रद्धालु शनिवार को पाकिस्तान से लौटे जत्थे के साथ भारत नहीं आया। यहां इस इसका पता चलते ही अफसरों आैर सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। पाकिस्तान में उसकी तलाश शुरू कर दी गई है। उधर, पाकिस्तान में धर्म बदल कर मुस्लिम युवक से शादी करने वाली किरणबाला उर्फ आमना बीबी भारत नहीं लौटी। खबर है कि पाकिस्तान सरकार ने उसका वीजा तीन दिन बढ़ा दिया है।
सिख जत्थे संग गया 24 साल के युवक का नहीं चल रहा पता, किरणबाला नहीं लौटी भारत
शनिवार को पाकिस्तान के गुरुघरों के दर्शन करने गए 1797 सिख श्रद्धालुआें में से 1795 लौट आए। पाकिस्तान में 16 अप्रैल को जत्थे से गायब होकर मुस्लिम से निकाह करने वाली गढ़शंकर की किरण बाला उर्फ आमना बीबी नहीं लौटी। उसके लौटने को लेकर दिनभर कयासबाजी का दौर चलता रहा, लेकिन शाम में पता चला कि पाकिस्तान सरकार ने तीन दिनों के लिए उसके वीजा की अवधि बढ़ा दी है।
सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप, पाकिस्तान से लौटे 1795 श्रद्धालु
किरणबाला के वीजा की अवधि अन्य सिख श्रद्धालुओं की तरह 21 अप्रैल को समाप्त हो रही थी। एजेंसियों के अनुसार, किरणबाला उर्फ आमना बीबी की याचिका पर लाहौर हाईकोर्ट ने तीन दिनों में सुनवाई करने की बात कही है। इसलिए पाकिस्तान सरकार ने उसका वीजा तीन दिन के लिए बढ़ा दिया है।
लाहौर में अपने नए शौहर के साथ किरणबाला उर्फ अामना बेगम।
पाकिस्तान सरकार ने किरणबाला का वीजा तीन दिन के लिए बढ़ाया
इसके बाद जब अधिकारियों को पता चला कि जत्थे के साथ गया एक और सिख श्रद्धालु गायब है तो सनसनी फैकी खबर से सनसनी फैल गई। जत्थे में 12 अप्रैल को भारत से कुल 1797 श्रद्धालु पाकिस्तान गए थे। इनमें एसजीपीसी के 717 व 1080 श्रद्धालु दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व अन्य राज्यों के थे।
वैशाखी पर पाक गया 1795 श्रद्धालु का जत्था भारत लौटा, कुल 1797 श्रद्धालु गए थे गुरुधामों के दर्शन करने
गायब हुआ अमृतसर के गांव निरंजनपुरा निवासी 24 साल का अमरजीत सिंह 12 अप्रैल को भारत से सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ पाकिस्तान गया था। शनिवार को अटारी बार्डर के रास्ते पाकिस्तान से अंतिम दिन लौटे श्रद्धालुओं के साथ वह नहीं आया। पाकिस्तान के लाहौर के श्री गुरुद्वारा डेरा साहिब के मैनेजर अजहर अब्बास शाह ने बताया कि अमरजीत सिंह के पासपोर्ट पर जन्म तिथि 1994 है और वह निरंजनपुर जिला अमृतसर का रहने वाला है। उसका पासपोर्ट अभी भी उनके पास है।
उन्होंने बताया कि अमरजीत की तलाश में पाकिस्तान की पुलिस पार्टियां गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब, लाहौर शहर और गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब हसन अब्दाल रावलपिंडी के इलाकों में छापेमारी कर रही हैं। अजहर ने बताया कि पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और पाकिस्तान आोकॉफ बोर्ड की तरफ से शनिवार को भारतीय सिख श्रद्धालुओं के जत्थे को लाहौर रेलवे स्टेशन से सुबह तीन बजे विशेष रेल गाडिय़ों से भारत के लिए रवाना किया गया था।
पाकिस्तान से लाैटे श्रद्धालु अटारी रेलवे स्टेशन पर।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के सभी पासपोर्ट उन्हें सौपने के बाद पता चला कि अमरजीत सिंह का पासपोर्ट उनके पास ही है। इसके तुरंत बाद उन्होंने वाघा रेलवे स्टेशन पर पहुंचने सिख श्रद्धालुओं के बारे में पता किया लेकिन अमरजीत सिंह के बारे में जानकारी नहीं मिली।
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पाक खुफिया एजेंसियों ने श्रद्धालुओं से की पूछताछ
शनिवार को वाघा से अटारी रेलवे के बीच लगाई गई तीन स्पेशल रेल गाडिय़ों से पाकिस्तान गए श्रद्धालु भारत पहुंचे। कुछ लोगों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जत्थे से किरण बाला के गायब होने के बाद उन्हें भी शक की नजर से देखा जाने लगा और वहां की खुफिया एजेंसियों ने तो कुछ लोगों से पूछताछ भी की। यात्रा के अंतिम तीन दिन पाक की सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने उन्हें घेरे रखा।
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2015 में भी पत्नी व बच्चों संग गायब हो गया था एक व्यक्ति
वैशाखी पर पाकिस्तान गए जत्थे से श्रद्धालु के गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। तीन साल पहले पाकिस्तान गया फरीदकोट का एक परिवार भी गायब हो गया था। फरीदकोट के गांव सांधावाला निवासी सुनील सिंह साल 2015 में वैशाखी पर्व पर अपनी पत्नी सुनीता, बेटे उमेर तथा बेटी हुमा को लेकर सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ पाकिस्तान गया था। वहां पहुंचने के बाद वह अपनी पत्नी और बच्चों सहित गायब हो गया था। उसका आज तक न तो पाकिस्तान की एजेंसियां पता लगा पाईं आैर न ही भारतीय जांच एजेंसियां।