कैबिनेट मंत्री बाजवा की आतंकी तारी के भाई के साथ है निकटता : काहलों
। रविकरण सिंह काहलों ने कहा कि दुनिया भर में सिख फार जस्टिस के नाम तले खालिस्तान के लिए रेफरेंडम- 2020 चलाने वाले लोगों की कांग्रेस नेताओं के साथ निकटता है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के युवा नेता व विधानसभा क्षेत्र फतेहगढ़ चूडि़यां के प्रभारी रविकरण सिंह काहलों ने कहा कि दुनिया भर में सिख फार जस्टिस के नाम तले खालिस्तान के लिए रेफरेंडम- 2020 चलाने वाले लोगों की कांग्रेस नेताओं के साथ निकटता है। इसलिए सरकार को उन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भी देशद्रोह का केस दर्ज करे।
प्रेस कांफ्रेंस में काहलों ने अलग अलग फोटो दिखाते हुए कहा कि सिख फार जस्टिस के दो मुख्य कार्यकर्ता हैं गुरपतवंत सिंह पन्नू और अवतार सिंह तारी। तारी फतेहगढ़ चूडि़यां इलाके के वरिष्ठ कांग्रेस नेता बलविदर सिंह बिल्ला निवासी कोट बामा का भाई है जो विदेशों में गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ मिल कर खालिस्तान का प्रचार कर रहा है। बलविदर सिंह बिल्ला कैबिनेट मंत्री तृप्त रजिदर सिंह बाजवा का बहुत ही करीबी है। काहलों ने बिल्ला की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह , नवजोत सिंह सिद्धू, तृप्त रजिदर सिंह बाजवा, सुनील जाखड़ व कैबिनेट मंत्री सुखजिदर सिंह रंधावा के साथ खीची तस्वीरें दिखाते हुए आरोप लगाए कि तृप्त रजिदर सिंह बावजा के दबाव में ही गुरपतवंत पन्नू के साथी अवतार सिंह तारी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज नहीं किया गया।
उन्होंने आरोप लगाए कि वर्ष 2018 में जब सरकार को सूचित किए बिना ही बाजवा विदेश गए थे तो वह पन्नू और तारी के साथ मिले थे। वहीं ही उन्होंने चुनाव की रणनीति बनाई थी। यह बातें साबित करती हैं कि कांग्रेस नेताओं के खालिस्तानी समर्थकों के साथ निकटता है। उन्होंने कहा कि शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के मध्यम से वह केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र सौंपेंगे कि बाजवा और बलविदर सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज किए जाएं।
एक सवाल के जवाब ने काहलों ने कहा कि अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा द्वारा खुद को अध्यक्ष घोषित करवाने में कोई भी दम नही है। क्योंकि उन्हें कुछ लोगों ने अध्यक्ष घोषित किया है। जबकि सुखबीर बादल को 50 लाख पार्टी सदस्यों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना था।
उधर, कैबिनेट मंत्री तृप्त रजिदर सिंह बाजवा ने कहा कि रविकरण काहलों के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। उनकी किसी भी खालिस्तानी समर्थक के साथ कोई निकटता नहीं है।