आयकर के छापों का विरोध, आढ़तियों ने किया केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन
। आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के आह्वान पर किसान आंदोलन के समर्थन और राज्य भर में आढ़तियों पर आयकर और इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की ओर से की जा रही छापेमारी के विरोध में आढ़ती एसोसिएशन अमृतसर ने भी हड़ताल की।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के आह्वान पर किसान आंदोलन के समर्थन और राज्य भर में आढ़तियों पर आयकर और इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की ओर से की जा रही छापेमारी के विरोध में आढ़ती एसोसिएशन अमृतसर ने भी हड़ताल की।
इस दौरान अनाज मंडी भगतांवाला को पूर्ण रूप से बंद रखा गया। तीन दिन तक तक अनाज मंडी बंद रखने का एलान किया गया है। आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अमनदीप सिंह के नेतृत्व में आढ़तियों ने मंडी में कारोबार ठप रखा। आढ़तियों ने कृषि सुधार कानून के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अमनदीप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ आढ़तियों को भी परेशान कर रही है। आढ़ती एसोसिएशन किसानों के साथ है। किसानों के आंदोलन में आढ़ती हर तरह से साथ देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कृषि सुधार कानूनों से जहां कृषि सेक्टर तबाह हो जाएगा वहीं आढ़तियों का भविष्य भी खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आढ़ती एसोसिएशन किसानों को हर सहयोग देगी और केंद्र सरकार को कानून वापस लेने के लिए मजबूर किया जाएगा।
अमनदीप सिंह ने कहा कि राज्य भर के आढ़ती एकजुट हैं। किसानों और आढ़तियों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। दूसरी और सब्जी मंडी वल्ला के आढ़तियों ने भी किसान आंदोलन का समर्थन किया है। कृषि सुधार कानूनों को रद करवाए बिना संघर्ष खत्म नहीं होगा : पन्नू कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए धरने पर बैठे किसान मजदूर संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि उनका संगठन तब तक संघर्ष समाप्त नहीं करेगा, जब तक केंद्र सरकार कानूनों को रद नहीं करती।
प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू और प्रदेश महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि इस महीने को दुनिया में अप्रत्याशित संघर्ष के रूप में जाना जाता है। इसमें 40 सिंह लाखों मुगल साम्राज्य की सेना के साथ बहादुरी से लड़े और शहीद हो गए। संगठन ने घोषणा की कि उनकी ओर से पंजाब स्तर पर गांवों में 27 दिसंबर को युवा साहिबजादा का शहादत दिवस मनाया जाएगा। केंद्र सरकार कह रही है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेगी। इसका मतलब है कि बातचीत के सभी दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। उनका संगठन कानून वापिस करवाने के बाद ही अपना संघर्ष खत्म करेगा। इस मौके पर इंद्रजीत सिंह कालिवाला, सुरिदर सिंह बलजिदर तलवंडी, बलविदर सिंह, अमनदीप सिंह, रणबीर सिंह, साहिब सिंह, बलराज सिंह, रणजीत सिंह, जमाल सिंह, धर्म सिंह आदि मौजूद थे।