बैसाखी पर भी नहीं खुलेगा जलियांवाला बाग, नई गाइडलाइन का इंतजार
जलियांवाला बाग अब इस बैसाखी पर भी नहीं खुल पाएगा। राज्यसभा सदस्य एवं जलियांवाला बाग मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी श्वेत मलिक ने यह बात कही।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : जलियांवाला बाग अब इस बैसाखी पर भी नहीं खुल पाएगा। राज्यसभा सदस्य एवं जलियांवाला बाग मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी श्वेत मलिक ने दावा किया है कि पंजाब सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक सिर्फ शादी समारोह और शोक सभा में ही एकत्रिकरण करने की मंजूरी है, लेकिन सरकारी समारोह आदि पर पाबंदी लगाई गई है, इसलिए जब पंजाब सरकार नई गाइडलाइन जारी कर देगी, तब इसे खोलने को लेकर कार्यक्रम होगा।
दूसरी तरफ ट्रस्ट के सचिव एसके मुखर्जी ने एक दिन पहले ही एलान किया था कि जलियांवाला बाग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अप्रैल को इसका शुभारंभ करेंगे, लेकिन ट्रस्टी मलिक और सचिव मुखर्जी का आपसी तालमेल ही न होने के कारण लोग असमंजस में पड़ गए हैं कि इस साल वह बैसाखी पर जलियांवाला बाग में जा पाएंगे या नहीं। नहीं लगेगी कोई फीस : मलिक
श्वेत मलिक ने कहा कि बाग में लोगों के लिए कोई फीस नहीं रखी गई है। अब बाग में लोगों के लिए लाइट एंड साउंड शो होगा। यह अंग्रेजी, हिदी और पंजाबी तीनों भाषाओं में दिखाया जाएगा। एक थ्री-डी थियेटर भी बनाया गया है, जिसमें डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई जाएगी। शहीदी कुआं जिसमें कई जानें गई थी, उसे लोग अब बड़ी ही आसानी से देख सकेंगे। जिन दीवारों पर गोलियां लगी थी, उनका रखरखाव कर दिया गया है, जो कई सालों तक रहेगा। इधर, महासचिव बहल ने लगाया आरोप
एतिहासिक चीजों से छेड़छाड़ की कोशिश की गई
जलियांवाला बाग शहीद परिवार समिति के महासचिव नोनिश बहल का कहना है कि जलियांवाला बाग एतिहासिक स्थल है। इसे नया रूप देकर इसकी एतिहासिकता ही बिगाड़ने की कोशिश की गई है। एतिहासिक चीजों से छेड़छाड़ नहीं की जाती, बल्कि उनका रखरखाव किया जाता है। सरकार ने एक साल से अधिक का समय इसके रेनोवेशन के काम में लगा दिया। यह तो एतिहासिक स्थल था, न कि कोई होटल, जिसे खोलने में एक साल से अधिक का समय लगा दिया गया। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग के 100 साल पूरे हो जाने पर लोगों को बाग के दर्शन करवाने चाहिए थे, न कि इसे बंद करना चाहिए था। इस बैसाखी पर भी अगर यह नहीं खुलेगा तो यह निदनीय है। उन्होंने मांग की है कि इसे जल्द खोल देना चाहिए।