किसान संघर्ष से जुड़े लोगों को नोटिस भेजने का बीबी जगीर कौर ने किया विरोध
एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज को दबाने के लिए केंद्र सरकार ने गलत हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज को दबाने के लिए केंद्र सरकार ने गलत हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए है। इसकी एसजीपीसी निदा करती है। बीबी जगीर कौर ने कहा कि किसानी संघर्ष के साथ जुडे़ लोगों को व संघर्ष को दबाने के लिए केंद्र सरकार अनलाफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट (यूएपीए) कानून का गलत उपयोग कर रही है। कृषि संघर्ष के साथ जुड़े लोगों को यूएपीए के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जो केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया है। केंद्र सरकारी तंत्र का गलत उपयोग कर रही है जिस को सहन नही किया जाएगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सवाल करते हुए पूछा कि बताया जाए कि अगर कोई अपने हकों के लिए आवाज उठाए तो वह देश विरोधी कैसे हो सकता है। अपने व अपनी पीढि़यों के भविष्य की रक्षा के लिए आवाज उठाने वाले को देश तोड़ने वाला कैसे कहा जा सकता है। प्रधानमंत्री किसानों की मांगों को स्वीकार करने के बजाय अपने अहंकार के साथ लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष शांतिमय ढंग से चल रहा है, परंतु सरकार इस को गलत रंगत दे रही है। सरकार लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि अपनी एजेंसियों के माध्यम से किसानों की आवाज सुने न कि एजेंसियों से आंदोलनकारी किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश करे। नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) को जिन को नोटिस भेजे गए है उन को वापिस लिया जाना चाहिए।