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इंस्पेक्टर जसदेव ने 21 फर्मो से डाली थी बोगस परचेज, एक फर्म के मालिक के नाम पर ली थी कार

जंडियाला गुरु गेहूं घोटाले में फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर जसदेव सिंह ने 21 फर्मों से बोगस परचेज डाली थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 11:26 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 11:26 PM (IST)
इंस्पेक्टर जसदेव ने 21 फर्मो से डाली थी बोगस परचेज, एक फर्म के मालिक के नाम पर ली थी कार
इंस्पेक्टर जसदेव ने 21 फर्मो से डाली थी बोगस परचेज, एक फर्म के मालिक के नाम पर ली थी कार

जागरण संवाददाता, अमृतसर : जंडियाला गुरु गेहूं घोटाले में फूड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर जसदेव सिंह ने 21 फर्मों से बोगस परचेज डाली थी। इतना ही नहीं, एक फर्म के नाम पर तो उसने एक गाड़ी भी खरीद रखी थी। यह गाड़ी वह खुद चलाता था। लेकिन अधिकारी उस पर ज्यादा सवाल न उठाए इसलिए उसने यह कार फर्म के नाम पर ली थी। यह गाड़ी फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों ने जब्त भी करवाई थी और फर्म के मालिक से पूछताछ की तो उसने सारी कहानी भी बयां कर दी। जंडियाला गुरु गोदामों से खरीद करने के लिए विभाग की तरफ से 46 फर्मे थीं, जिसमें से 21 फर्म ऐसी थी, जिनसे इंस्पेक्टर जसदेव सिंह ने बोगस परचेज तक डाल दी। इसमें जहां आढ़तियों की मिलीभगत रही है, वहीं मार्केट कमेटी के अधिकारियों की भी मिलीभगत थी। विजिलेंस इस मामले की जांच जल्द ही शुरू करने जा रही है। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो उन अधिकारियों से पूछताछ करने जा रही है, जो इसमें शामिल रहे हैं।

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बता दें कि फूड सप्लाई विभाग के आरोपित इंस्पेक्टर जसदेव सिंह ने 20 करोड़ रुपये का सरकारी गेहूं ही ब्लैक मार्केट में बेच दिया था। यह सारा काम उसने सुनियोजित तरीके से किया था। इसके बाद में इसकी शिकायत अधिकारियों के पास पहुंची तो सीवीसी की टीम ने जंडियाला गुरु के आठ गोदामों में चेकिग की तो वहां से 1 लाख 93 हजार 343 सरकारी गेहूं की बोरियां गायब पाई गई थी। इसके बाद डीएफएससी ने पुलिस को शिकायत की तो छह अगस्त को थाना जंडियाला गुरु के पुलिस ने इंस्पेक्टर जसदेव सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया। आरोपित इंस्पेक्टर तभी से फरार है। अब मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी गई है, जो जल्द ही इस मामले की जांच शुरू करेंगे। गेहूं घोटाले में 44 लाख का बारदाने

का भी हुआ घोटाला

जंडियाला गुरु में हुए गेहूं घोटाले में 87160.30 क्विंटल सरकारी गेहूं गायब हुआ था, जिसमें 50 किलोग्राम वाली 72893 गेहूं की बोरियां भी गायब हुई। इसके साथ ही बारदाना घोटाला भी हुआ है। विभाग सरकारी रेट पर 60 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बारदाना खरीदता है। इसके हिसाब से 44 लाख रुपये के करीब बारदाना घोटाला भी हुआ है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट, आढ़त, माल ढोने व उतारने, लोकल कार्टेज के बिल भी क्लेम कर लिए गए है। सरकार की तरफ सभी बिल भी पास कर दिए गए थे। अगर इन पैसों को भी घोटाले में शामिल कर लिया जाए तो घोटाले की संख्या और बढ़ने की संभावना है। चीफ विजिलेंस कमेटी ने की थी जांच, गिनती में लगे थे दो दिन

जंडियाला गुरु में घोटाले की भनक लगने के बाद पांच अगस्त, 2021 को चीफ विजिलेंस कमेटी की टीमें जंडियाला गुरु के आठ गोदामों की चेकिग करने के लिए पहुंची थी। आठ गोदामों की चेकिग करने के लिए दो दिन का समय लग गया था। जांच में सामने आया था कि संजय गोदाम से 50 किलो की पैकिंग वाली 1896 बोरियां, राजपाल गोदाम से 50 किलो पैकिग वाली 77157 बोरियां कम मिली थी। इसी तरह जेएस कोचर गोदाम से 50 किलो की पैकिग वाली 13214, अजयपाल गोदाम से 50 किलो पैकिग वाली 2712, कृष्णा गोदाम से 50 किलो पैकिग वाली 27928 और 30 किलो पैकिग वाली 8946, इंडो जर्मन गोदाम से 50 किलो पैकिग की 10009 और धनी गोदाम से 50 किलो पैकिग वाली 12871 और पेपर मिल गोदाम से 30 किलो पैकिग के 38610 गेहूं की बोरियां गायब पाई गई थी। एफसीआइ ने तीन मैनेजर सहित 12 मुलाजिमों को सस्पेंड भी किया था

गेहूं घोटाले में एफसीआइ के अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आई थी। हाल ही में एफसीआइ के डीजीएम (प्रीक्योरमेंट) ने इन अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए थे। डीजीएम के आदेशों में कहा गया था कि 19 अगस्त, 2021 को जंडियाला गुरु के गोदामों में टीम जांच करने के लिए पहुंची थी, जिसके बाद उन्होंने 25 अगस्त को अपनी जांच रिपोर्ट अधिकारियों को सौैंप दी। इस मामले में एफसीआइ मैनेजर अनिल कुमार जयंत, मैनेजर कंवलजीत सिंह, मैनेजर वजयंत बरमन शामिल है। इनके अलावा मदन लाल, राम चंद्र, मधू सुदन कुमार, रवि कुमार, नरेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, विक्की, कैलाश नाथ, कैशर अली को भी सस्पेंड किया गया था।


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