इंश्योरेंस कंपनी 4.07 लाख रुपये मुआवजा देने को हुई तैयार
पीड़ित परिवार को 4.07 लाख रुपये भुगतान करना स्वीकार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने महिला की मौत के बाद उपभोक्ता अदालत के किसी तरफ के फैसले से पहले पीड़ित परिवार को 4.07 लाख रुपये भुगतान करना स्वीकार कर लिया है। हालांकि जब पीड़ित परिवर ने क्लेम करने के लिए कंपनी में आवेदन किया था तो कंपनी के प्रतिनिधियों ने क्लेम देने से इनकार कर दिया था।
मामले की पैरवी कर रहे वकील एमके शर्मा ने बताया कि मजीठा रोड स्थित जगदंबा कालोनी निवासी राजीव महेंद्रू ने 27 मार्च 2017 को परिवार के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी। एक साल तक उन्होंने पॉलिसी से कोई लाभ नहीं लिया। कंपनी के प्रतिनिधियों ने उनकी मर्जी से उसे अगले साल 26 मार्च 2019 तक इसे दोबारा जारी कर दिया था। 30 दिसंबर 2018 को उनकी पत्नी शिवानी के पेट में एकाएक दर्द उठा। आननफानन में वह अपनी पत्नी को पास के एक निजी अस्पताल में ले गए। 20 जनवरी 2019 को शिवानी की अस्पताल में मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने बिल के रूप में इलाज के 4.69 लाख रुपये बना दिए। इसके बाद पैसों के भुगतान के लिए उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी के दस्तावेज अस्पताल को दिए। कुछ देर बाद उन्हें पता चला कि इंश्योरेंस कंपनी अस्पताल प्रबंधन को जवाब दिया है कि शिवानी के पेट में जो दर्द हुआ है, वह कंपनी उसे कवर नहीं करती। वकील ने बताया कि फिर उन्होंने मामले को लेकर क्लेम हासिल करने के लिए उपभोक्ता अदालत में याचिका दायर की थी। पहले चरण की बहस में कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया था कि उक्त बीमारी को वह इसमें कवर नहीं करते, लेकिन वह इसी तरह के एक मामले पर क्वाइंट को 1.76 लाख रुपये पहले भी दिला चुके थे। उस पुराने फैसले की कापी को उन्होंने अदालत में लगा दिया। इसके बाद बीमा कंपनी ने 4.07 लाख रुपये देना स्वीकार कर लिया था।