पीडिएट्रिक वार्ड के कीड़े व कॉकरोच सोशल मीडिया पर हुए वायरल
गुरुनानक देव अस्पताल स्थित पीडिएट्रिक वार्ड में दहशत का पर्याय बने कॉकरोच व कीड़े अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल स्थित पीडिएट्रिक वार्ड में दहशत का पर्याय बने कॉकरोच व कीड़े अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बच्चों के ट्रीटमेंट के लिए बनाए गए इस वार्ड में ग्लूकोज स्टैंड, बेड, टेबल्स सब जगह कॉकरोच व कीड़े घूम रहे हैं। 'दैनिक जागरण' ने मंगलवार के अंक में इस संबंध में विस्तृत समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद किसी शख्स ने इस कुप्रबंधन का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके साथ ही 'दैनिक जागरण' की खबर भी सोशल मीडिया पर प्रशासन की आंखें खोल रही है।
बच्चे के बेड पर घूमते हैं कॉकरोच, गद्दों में भरे हैं कीड़े
दरअसल पीडिएट्रिक वार्ड में सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। वार्ड में भर्ती बच्चों के बेड पर कॉकरोच घूमते हैं। रात को बच्चों के ऊपर भी चढ़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को संक्रमण होने का खतरा भी बना हुआ है। इसके अलावा पीडिएट्रिक वार्ड में फटे गद्दों में भी कीड़ों की घुसपैठ है। बुधवार शाम पांच बजे वार्ड में दाखिल एक बच्चे के परिजन ने झाड़ू उठाया और फर्श की सफाई करने लगा। इस दौरान सैकड़ों कॉकरोच व कीड़े निकले। इनकी ढेरी बनाकर परिजन ने वीडियो बनाई और वायरल कर दी। वीडियो में यह शख्स सरकारी तंत्र को जमकर कोस रहा है।
वार्ड में नहीं आता सफाई कर्मचारी
परिजनों ने बताया कि वार्ड में सफाई नहीं है। सफाई कर्मचारी को यहां कभी नहीं देखा गया। जिस बेड पर बच्चों को लिटाया गया है, उनके गद्दे व कवर फट चुके हैं। गद्दों के ऊपर से चादर तो कभी बदली ही नहीं जाती। वार्ड में बदबू उठती है। परिजन खुद ही सफाई करें तो करें, अस्पताल का स्टाफ गौर नहीं करता।
यूजर चार्जेस खर्च करने की अनुमति के बावजूद नहीं होती सफाई
वास्तविक स्थिति यह है कि मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग द्वारा संचालित गुरुनानक देव अस्पताल में अक्सर फंड का रोना रोया जाता रहा है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिदरा ने पिछले वर्ष अस्पताल को यूजर चार्जेस खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। यूजर चार्जेस वह राशि है जो मरीजों से इलाज के लिए सरकारी शुल्क के रूप में ली जाती है। यह राशि खर्च करने की मंजूरी मिलने के बाद भी अस्पताल प्रशासन व्यवस्था में सुधार नहीं कर पा रहा। सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा का कहना है कि वह मामले की जांच करवाएंगी। जो भी खामियां हैं, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा।