फेसबुक पर इश्क और पाक पहुंच गया हामिद... 6 साल बाद हुई वतन वापसी
छह साल बाद पाकिस्तान ने मुंबई के हामिद निहाल अंसारी को रिहा कर दिया है। हामिद मंगलवार को अटारी सीमा के रास्ते भारत पहुंचे।
जेएनएन, अमृतसर। छह साल बाद पाकिस्तान ने मुंबई के हामिद निहाल अंसारी को रिहा कर दिया है। हामिद मंगलवार को अटारी सीमा के रास्ते भारत पहुंचे। हामिद वर्ष 2012 में फेसबुक फ्रेंड से मिलने पाकिस्तान गए थे, जहां पाकिस्तान ने उन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। पाकिस्तान की जेल से रिहा होने के बाद मंगलवार को हामिद को पाक सुरक्षा बलों ने भारतीय अधिकारियों को सौंपा। उन्हें लेने बार्डर पर परिवार के सदस्य भी पहुंचे।
हामिद अंसारी की फेसबुक पर पाकिस्तान की एक लड़की से दोस्ती हो गई थी। यह दोस्ती बाद में प्यार में बदल गई थी। हामिद लड़की से मिलने अफगानिस्तान होते हुए पाकिस्तान पहुंचा था। जहां उसे संदेह के आधार पर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार लिया गया था। अंसारी को वर्ष 2012 में गिरफ्तार किया गया था और उसे जिस जुर्म में गिरफ्तार किया गया था उसमें अधिकतम सजा तीन वर्ष की है। ऐसे में उसे वर्ष 2015 में रिहा कर देना चाहिए था, लेकिन पाकिस्तान ने उसे रिहा करने में इतना समय लगा दिया। विगत छह वर्षो के दौरान भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से 95 बार अधिकारिक तौर पर हामिद अंसारी का मुद्दा पाकिस्तान के अधिकारियो के समक्ष उठाया गया।
स्वदेश पहुंचते ही भारत की मिट्टी को चूमते हामिद अंसारी।
पाकिस्तान में दो तरह के कोर्ट है एक सिविल कोर्ट और दूसरा मिलिट्री कोर्ट। इनका इस्तेमाल वहां के हुक्मरान व पाक सेना अपनी सुविधा के अनुसार करती है। मिलिट्री कोर्ट पर किसी का जोर नहीं चलता। यही वजह है कि अपने प्यार को पाने की चाहत में सीमा पार कर वहां पहुंचे अंसारी पर मिलिट्री कोर्ट में आतंकवादी की तरह मामला चलाया गया। जबकि हाफिज सईद, लखवी, मौलाना अजहर जैसे खूंखार आतंकवादियों के खिलाफ मामला सिविल कोर्ट में चलाया जाता है जहां की प्रक्रिया अपने आप में अनोखी है।
सीमा पर अपने परिजनों से मिलते हामिद अंसारी।
पाक सेना की मानसिकता इस बात से समझी जा सकती है कि हामिद अंसारी के मामले की अपने स्तर पर तहकीकात में जुटी महिला पत्रकार जीनत शहजादी को अचानक अगवा कर लिया गया और उन्हें दो वर्ष बाद छोड़ा गया। शहजादी को तब गिरफ्तार किया गया जब वह पांच दिनों बाद हामिद अंसारी मामले में गवाही देने जाने वाली थी। शहजादी के अगवा होने के बाद उनके भाई ने गम में आत्महत्या कर ली थी।