महिला आयोग के सामने पेश हुए डा. नवदीप, लगी फटकार
। पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने अमृतसर के पूर्व सिविल सर्जन डा. नवदीप सिंह को कड़ी फटकार लगाई है।
नितिन धीमान, अमृतसर
पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने अमृतसर के पूर्व सिविल सर्जन डा. नवदीप सिंह को कड़ी फटकार लगाई है। मंगलवार को आयोग के सम्मुख पेश हुए डा. नवदीप सिंह ने कहा कि 17 नवंबर को उन्होंने सिविल अस्पताल में चार गभर्वती महिलाओं की डिलीवरी तो की थी, पर वीडियो नहीं बनवाई। किसी अज्ञात शख्स ने वीडियो बनाई थी। डा. नवदीप का यह जवाब सुनकर मनीषा गुलाटी ने उस दिन का वीडियो निकालकर उन्हें दिखाया। उन्होंने डा. नवदीप से कहा कि इस वीडियो में आपका ध्यान डिलीवरी की तरफ कम और कैमरे की तरफ ज्यादा है। आप आयोग को गुमराह करने की कोशिश न करें। फोटो पोज दे रहे हैं और झूठ भी बोल रहे हैं।
मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित पंजाब महिला आयोग के मुख्यालय में डा. नवदीप सिंह व स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डा. प्रभदीप कौर जौहल पहुंचीं। डा. जौहल के पैर में फैक्चर था, इसलिए वह पांचवीं मंजिल पर स्थित आयोग के कार्यालय तक जाने में असमर्थ थीं, ऐसे में मनीषा गुलाटी नीचे आईं और पार्किंग में मामले की सुनवाई शुरू की।
दैनिक जागरण से बातचीत में मनीषा गुलाटी ने कहा कि 17 नवंबर को डा. नवदीप ने डिलीवरी का वीडियो शूट करवाकर एक दो मीडिया कर्मियों से बातचीत कर बताया था कि एक सिविल सर्जन होने के बावजूद वह गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी करते हैं। इसके बाद मीडिया में प्रेस नोट, वीडियो व फोटोग्राफ जारी कर दिए। यह मामला महिला की निजता के हनन का है। लेबर रूम में डिलीवरी का वीडियो शूट नहीं किया जा सकता। डा. नवदीप ने तो इसे प्रसारित भी करवा दिया। इस मामले में आयोग कड़ी कार्रवाई करेगा। डा. नवदीप को 25 नवंबर को पुन: आयोग के सम्मुख पेश होने को कहा है। डायरेक्टर डा. प्रभदीप कौर जौहल ने कहा कि लेबर रूम में वीडियोग्राफी नहीं की जा सकती। डा. नवदीप ने ऐसा करके गलत किया है।
इधर, स्वास्थ्य विभाग के सचिव हुस्नलाल ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों पर आधारित स्टेट कमेटी का गठन किया है। कमेटी के सदस्य जल्द ही अमृतसर आकर सारी घटना की जानकारी लेंगे। यहां बताना जरूरी है कि वीडियो शूट प्रकरण में डा. नवदीप सिंह से सिविल सर्जन का पद छिन चुका है। उन्हें अमृतसर से हटाकर चंडीगढ़ भेजा गया है। चेयरपर्सन ने पूछा, गायनी डाक्टर कहां गईं
मनीषा गुलाटी ने डा. नवदीप सिंह से पूछा कि उस दिन आपके साथ जो गायनी डाक्टर लेबर रूम में थीं, वे क्यों नहीं आईं। उनके नाम बताइए। डा. नवदीप ने कहा कि वह गायनी डाक्टर को नहीं जानते। चेयरपर्सन ने इस पर उन्हें कड़ी फटकार लगाई। बोलीं- आप जिले के सिविल सर्जन रह चुके हैं, गायनोकोलाजिस्ट भी हैं, आपको यह तक मालूम नहीं कि उस दिन आपके साथ
कौनसी गायनी डाक्टर थीं। 25 नवंबर को इन्हें साथ लेकर आयोग के सम्मुख पेश होना। अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने का नतीजा
17 नवंबर को सिविल सर्जन द्वारा की गई एक गलती ने जहां महिला की निजता का हनन किया, वहीं उन्होंने प्रेस नोट जारी कर अपने मुंह मियां मिट्ठू बने थे। प्रेस नोट में लिखा था कि एक सिविल सर्जन ने डिलीवरी कर बहुत बड़ा काम कर दिया, मिसाल कायम कर दी। प्रेस नोट में जिन गायनी डाक्टरों के नाम दर्ज थे उनमें डा. मीनाक्षी, डा. सितारा, डा. गुरपिदर, डा. किरणजीत कौर सहित डा. रोमा, डा. कर्णजीत, गुरभेज सिंह, कमल व सिविल अस्पताल के एसएमओ के नाम तक लिखे गए थे। हालांकि गायनी डाक्टरों ने एसएमओ को पत्र लिखकर स्पष्ट किया था कि उस दिन तो वे ओपीडी में ड्यूटी कर रही थीं। सिविल सर्जन कब आए और कब डिलीवरी कर गए उन्हें जानकारी नहीं।