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पंजाब के अटारी बार्डर से हटाया गया 'हिंद-पाक दोस्ती स्मारक', जानें क्‍यों उठाया गया यह कदम

अटारी वाघा बार्डर पर स्‍थापित हिंद-पाक दोस्‍ती स्‍मारक को हटा दिया गया है। इसे नया स्‍वरूप दिया जाएगा और इसके लिए कार्य शुरू हो गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 09:47 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 07:53 AM (IST)
पंजाब के अटारी बार्डर से हटाया गया 'हिंद-पाक दोस्ती स्मारक', जानें क्‍यों उठाया गया यह कदम
पंजाब के अटारी बार्डर से हटाया गया 'हिंद-पाक दोस्ती स्मारक', जानें क्‍यों उठाया गया यह कदम

अमृतसर, जेएनएन। भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर अटारी में स्वर्ण जयंती द्वार के सामने से 'हिंद-पाक दोस्ती मंच स्मारक' को हटा दिया गया है। इसे जल्द ही नए अंदाज में बनाया जाएगा। इसे अब मौजूदा जगह से करीब तीन सौ मीटर पहले बनाया जाएगा।  नेशनल हाईवे अथाॅरिटी आफ इंडिया द्वारा बनाए जाने वाले चौक के बीचो-बीच अद्वितीय सुंदर स्मारक अगले दो महीने में तैयार हो जाएगा।

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यह जानकारी बीएसएफ के डीआइजी बीएस रावत और नेशनल अथाॅरिटी आफ इंडिया के अधिकारी सुनील यादव ने दी। उन्होंने इस संबंध में बुधवार को बैठक मेें अकादमी के अध्यक्ष रमेश यादव, उपाध्यक्ष दिलबाग सिंह सरकारिया को दी। इसे जल्द ही नए स्वरूप में मौजूदा जगह से करीब तीन सौ मीटर पहले बनाया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) इसे दो महीने में तैयार करवाएगी।

बता दें कि फोकलोर रिसर्च अकादमी द्वारा साल 1996 में अटारी बार्डर पर स्वर्ण जंयती द्वार के सामने बनाए हिंद-पाक दोस्ती मंच स्मारक को नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया की ओर से हटाया गया है। इससे अकादमी के अध्यक्ष रमेश यादव व हिंद-पाक दोस्ती मंच से जुड़े लोगों में रोष जताया था। रमेश यादव अकादमी के उपाध्यक्ष दिलबाग सिंह सरकारिया के साथ बीएसएफ के डीआइजी बीएस रावत को मिलने पहुंचे।

बैठक में बीएसएफ के डीआइजी बीएस रावत ने उन्हें बताया कि सुरक्षा कारणों के चलते वहां चौक बनाया जाना है। उन्होंने अकादमी के पदाधिकारियों को भरोसा दिया कि हिंद-पाक दोस्ती से जुड़ा स्मारक अटारी बॉर्डर ही पर रहेगा, लेकिन इसका नई जगह पर निर्माण करवाया जाएगा। वहीं अथॉरिटी के अधिकारी सुनील यादव ने बताया कि नई जगह पर इसका दो माह में निर्माण करवा दिया जाएगा।

इस बार नहीं मिली मोमबत्तियां जलाने की मंजूरी

फोकलोर रिसर्च अकादमी के अध्यक्ष रमेश यादव ने बताया कि 1996 में स्थापित किए गए स्मारक पर हर साल 14 और 15 अगस्त की मध्यरात्रि हिंद-पाक दोस्ती मंच तथा साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन के लोगों के साथ मिलकर यहां मोमबत्तियां जलाते हैं।

इस बार कोरोना संकट काल के चलते उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। इसी दौरान उन्हें पता चला कि स्मारक को वहां से हटा दिया गया है। इस कारण अकादमी व ङ्क्षहद-पाक दोस्ती मंच से जुड़े लोगों में रोष पाया जा रहा है। इसी के चलते बुधवार को अकादमी के सदस्य बीएसएफ अधिकारियों से मिलने पहुंचे थे।


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