हाई कोर्ट के आदेश ने हेड मास्टरों के वेतन को बचा लिया : प्रो. चावला
। पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि हाई कोर्ट ने हेड मास्टरों को बचा लिया है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर
पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि हाई कोर्ट ने हेड मास्टरों को बचा लिया है। पंजाब सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि जो भी नई भर्ती होगी, पहले तीन साल मूल वेतन पर काम करेंगे। उनमें से पीसीएस, पीपीएस भी रहे और अध्यापक व मुख्य अध्यापक भी। अजीब बात है कि शिक्षा और शिक्षकों का भाषणों में गुणगान करने वाली सरकारें हेडमास्टरों को वह वेतन भी देने को तैयार नहीं जो न्यूनतम वेतन या जिसे मजदूरों के लिए डीसी रेट कहा जाता है। यह तो अच्छा हुआ कि हाई कोर्ट द्वारा इन हेडमास्टरों को पूरा वेतन दिए जाने का निर्णय दिया गया। जो सरकारें पिछली सरकार के दोष निकालती हैं वही सरकारें पिछली सरकारों के उन फैसलों को बदलने को तैयार नहीं जिसमें कर्मचारियों का शोषण होता है। केवल दस हजार रुपये वेतन पर पुलिस कर्मचारी, अध्यापक, पंद्रह हजार पर डॉक्टर भर्ती किए गए। तभी शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था का बुरा हाल हुआ। प्राण हथेली पर रखकर लड़ने वाले कमांडो भी दो वर्षों तक पूरे वेतन की प्रतीक्षा में ही लड़ाई लड़ते रहे। सरकारें पिछली सरकार के यह फैसले बदले अन्यथा जो भी पहली बार एमएलए चुना जाए उसे मूल वेतन पर ही काम करने को कहा जाए। हेडमास्टर तो बच गए अब ऐसा लगता है कि सरकार नहीं केवल हाई कोर्ट ही कर्मचारियों को राहत देगी।