बैकफुट पर डाक्टर, सिविल अस्पताल में नहीं देखे मरीज
सिविल अस्पताल सहित गुरु नानक देव अस्पताल व जिले के सात ब्लाकों में स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों तथा प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में डाक्टरों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: सरकारी डाक्टरों ने सोमवार को फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की रफ्तार रोक दी। सिविल अस्पताल सहित गुरु नानक देव अस्पताल व जिले के सात ब्लाकों में स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों तथा प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में डाक्टरों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया। केवल इमरजेंसी में आए मरीजों की ही जांच की गई। डाक्टरों की हड़ताल की वजह से दोनों अस्पतालों में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ओपीडी में डाक्टर की कुर्सियां खाली देखकर मरीज निराश हो गए। इसके अलावा सिविल अस्पताल में दिव्यांगता का प्रमाणपत्र बनवाने आए लोगों को भी हताशा हाथ लगी।
सिविल अस्पताल में इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की थी, पर पीसीएमएस डाक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर समूह डाक्टर हड़ताल पर चले गए। अस्पताल परिसर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला महामारी अधिकारी डा. मदन मोहन ने कहा कि कोरोना काल में हर स्वास्थ्य कर्मी ने जान जोखिम में रखकर ड्यूटी की। सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल तो बढ़ाया नहीं, बल्कि उनके एनपीए में कटौती कर रही है। इस अवसर पर इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश शर्मा, प्रधान राजेश शर्मा, जसबीर कौर, एसएमओ डा. चंद्रमोहन, मनिदर सिंह संधू सहित समस्त स्टाफ उपस्थित था। डाक्टरों ने अगले दो दिन और ओपीडी सेवाओं का बायकाट करने की घोषणा की। इसके बाद वे 18 जुलाई तक इंतजार करेंगे। यदि फिर भी सरकार न चेती तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
इधर, गुरुनानक देव अस्पताल में ओपीडी, आपरेशन, स्टूडेंट्स टीचिग, मेडिको लीगल व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया रोक दी गई। पटियाला व फरीदकोट मेडिकल कालेजों में भी ऐसा ही हुआ। पंजाब स्टेट मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन के आह्वान पर समूह डाक्टर हड़ताल पर रहे। गुरुनानक देव अस्पताल में डाक्टरों ने गेट रैली की। इस अवसर पर एसोसिएशन की अध्यक्ष डा. मृदु ग्रोवर ने कहा कि सरकार ने उन्हें हड़ताल करने को मजबूर कर दिया है।