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पिज्जा का आर्डर हुआ रद, रिफंड के लिए एप डाउनलोड किया, इंजीनियर के खाते से निकले 2.78 लाख

पुणे की आइटी कंपनी में बतौर इंजीनियर काम कर रहे शहबाज वालिया को पिज्जा का आर्डर करने के बाद रद होना काफी महंगा पड़ गया है। आर्डर रद के बाद रिफंड के लिए उन्होंने एक एप्लीकेशन डाउनलोड की थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 12:11 AM (IST)
पिज्जा का आर्डर हुआ रद, रिफंड के लिए एप डाउनलोड किया, इंजीनियर के खाते से निकले 2.78  लाख
पिज्जा का आर्डर हुआ रद, रिफंड के लिए एप डाउनलोड किया, इंजीनियर के खाते से निकले 2.78 लाख

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पुणे की आइटी कंपनी में बतौर इंजीनियर काम कर रहे शहबाज वालिया को पिज्जा का आर्डर करने के बाद रद होना काफी महंगा पड़ गया है। आर्डर रद के बाद रिफंड के लिए उन्होंने एक एप्लीकेशन डाउनलोड की थी। इसके बाद उनके खाते से धड़ाधड़ पैसे निकल गए। हैकर्स ने 2.78 लाख का चूना लगा डाला। फिलहाल मजीठा रोड थाने की पुलिस ने अज्ञात हैकर्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह ने बताया कि पुलिस की साइबर शाखा आरोपितों का पता लगाकर जल्द काबू कर लेगी।

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मजीठा रोड स्थित गोपाल नगर निवासी शहबाज वालिया ने पुलिस को शिकायत मे बताया कि वह पुणे की एक आइटी कंपनी में काम करते हैं। कुछ दिन पहले ही वह घर लौटे थे। शनिवार की रात उन्होंने आनलाइन एक कंपनी से पिज्जा आर्डर किया था, लेकिन तकनीकि खराबी के कारण उनका आर्डर रद हो गया। बाद में उन्होंने कंपनी से रिफंड लेना था। इसके लिए उन्होंने संबंधित पिज्जा कंपनी के कस्टमर केयर पर काल की। पैसे वापस लेने के लिए कंपनी की तरफ से उन्हें एक मोबाइल नंबर दिया गया। इसके बाद उन्हें एक लिक भेजा गया ताकि वह एक एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकें। इसके बाद उन्होंने एप को डाउनलोड कर लिया। फिर उन्हें अपने मोबाइल के टेक्सट बाक्स में एक मेसेज मिला। देखते ही देखते उनके बैंक खाते से पचास-पचास हजार रुपये चार बार, 48 हजार, पांच सौ रुपये एक बार, बीस हजार रुपये एक बार और दस हजार रुपये (कुल राशि 2,78,500) निकल गए। इसके बाद उन्होंने तुरंत बैंक से संपर्क कर अपना खाता फ्रीज करवाया ताकि खाते से और राशि ना निकल सके। 24 घंटे के भीतर दें बैंक को सूचना, मिल जाते हैं पैसे - कानून विद

कानून विद करणकांत अग्रवाल ने बताया कि आरबीआइ (रिजर्व बैक आफ इंडिया) के हिदायतों के मुताबिक अगर पीड़ित 24 घंटे के भीतर आनलाइन ठगी के बारे में बैंक को इत्लाह देता है तो बैंक की जिम्मेदारी बनती है कि ठगी के पैसे लौटाए। सारे मामले की जांच करना भी बैंक की ही जिम्मेदारी बनती है। पुलिस का साइबर सेल भी इस तरह की ठगी को पकड़ने में सक्षम है।


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