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वारदात करने पर अब जल्द होगी अपराधी की पहचान, जानें पुलिस ने क्या बनाया..

अब वारदात के बाद अपराधियों का पुलिस से बचकर भागना नामुमकिन होगा क्योंकि पुलिस ने ऐसा सिस्टम लागू करने जा रही है जिसके माध्यम से जमानत पर छूटे प्रत्येक अपराधी पर पुलिस की नजर रहेगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 07:30 AM (IST)
वारदात करने पर अब जल्द होगी अपराधी की पहचान, जानें पुलिस ने क्या बनाया..
वारदात करने पर अब जल्द होगी अपराधी की पहचान, जानें पुलिस ने क्या बनाया..

नवीन राजपूत, अमृतसर

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अब वारदात के बाद अपराधियों का पुलिस से बचकर भागना नामुमकिन होगा, क्योंकि पुलिस ने ऐसा सिस्टम लागू करने जा रही है जिसके माध्यम से जमानत पर छूटे प्रत्येक अपराधी पर पुलिस की नजर रहेगी। वह जहां रहेगा पुलिस उसकी गतिविधियों पर पूरी तरह भांपने में सक्षम रहेगी। अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में क्राइम आइडी फोटो सैल का निर्माण किया जा चुका है। उसमें पिछले 15 साल की वारदातों और उसमें लिप्त लगभग पांच हजार से ज्यादा अपराधियों का खाका रिकार्ड किया जा चुका है। किसी वारदात के बाद आरोपित के चेहरे की पहचान और नाम का पता लगते ही उसे सिस्टम में डाला जाएगा। फिर तुरंत उस नाम और हुलिये से संबंधित सभी अपराधियों की फोटो पुलिस अफसर के लैपटाप की स्क्रीन पर होगी। वाट्सएप ग्रुप में ली जा रही जानकारी

अमृतसर सिटी में पांच हजार से ज्यादा नफरी तैनात है। अपराधियों के रिकार्ड को थाना स्तर पर बांट दिया गया है। थाने के प्रत्येक मुलाजिम को अपने इलाके के पांच अपराधियों का रिकार्ड मेनटेन और उन पर नजर रखने की हिदायतें जारी हैं। प्रत्येक थाने में कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआइ, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के बीच एक वाट्सएप ग्रुप बना रखा है। प्रत्येक मुलाजिम पकड़े अपराधी का रिकार्ड उसमें अपलोड करता रहता है। पुलिस कर्मी आरोपित की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ उसके मोबाइल नंबर और रिश्तेदारों के संपर्क में भी रहता है। इस श्रेणी के अपराधियों का रिकार्ड रहेगा क्राइम फोटो आइडी सैल में

हत्या, हत्या प्रयास, गैंगस्टर, नशा तस्कर, हथियार तस्कर, जाली करंसी का कारोबार करने वाले, मारपीट, फायरिग करने वाले, दुष्कर्म के आरोपित, छेड़छाड़, अकसर झगड़ों में नामजद रहने वाले, अपहरण, फिरौती मांगने वाले, लूटपाट, चोरी के आरोपितों का सारा खाका इस क्राइम फोटो आइडी सैल में अपलोड किया जा रहा है। एसीपी हरमिदर ने बनाया सिस्टम, सीपी ने की सराहना

देश में बढ़ रहे अपराध पर चिता जताते हुए एसीपी हरमिदर सिंह ने लगभग चार महीने पहले इस सिस्टम को लागू करने के लिए पुलिस कमिश्नर सुखचैन सिंह गिल से बात की थी। उनका सुझाव सुनकर सीपी ने सराहना की और इस पर काम शुरू करने के लिए हरी झंडी दी थी। एसीपी हरमिदर सिंह ने बताया कि वह अपराध के खात्मे के लिए विदेशी पुलिसिग सिस्टम पर लिखी किताबें पढ़ते रहते हैं। उनका दावा है कि यह प्रदेश में बनाया पहला साफ्टवेयर सिस्टम है।


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