Move to Jagran APP

सरकारी व्यवस्था करप्ट, स्वाइन फ्लू वायरस एलर्ट

अमृतसर स्वाइन फ्लू वायरस के सामने सरकारी सेहत सेवाएं करप्ट यानी विकृत साबित हो रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 12:31 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 12:31 AM (IST)
सरकारी व्यवस्था करप्ट, स्वाइन फ्लू वायरस एलर्ट
सरकारी व्यवस्था करप्ट, स्वाइन फ्लू वायरस एलर्ट

— सरकारी औपचारिकता के फेर में फंसी स्वाइन फ्लू टेस्टिंग किट

loksabha election banner

— तीन सदस्यीय कमेटी ने एच1एन1 किट्स खरीदने के लिए ऑर्डर नहीं दिया

क्रासर— सरकार ने पांच लाख रुपये जारी किए, पर कमेटी की सुस्त कार्रवाई की वजह से किट्स की खरीद नहीं हो पाई। फोटो — 24

नितिन धीमान, अमृतसर

स्वाइन फ्लू वायरस के सामने सरकारी सेहत सेवाएं करप्ट यानी विकृत साबित हो रही हैं। यह वायरस सरकारी सिस्टम को आंखें दिखाकर इंसानों को मौत बांट रहा है, पर सिस्टम से जरा भी खौफ नहीं खा रहा। सर्दी के मौसम में हवा मे तैर रहे वायरस से लड़ने का अभी तक कोई फॉर्मूला ईजाद नहीं हुआ, लेकिन इसकी चपेट में आए लोगों का जीवन बचाने के लिए सरकार ने सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग एवं उपचार की सुविधा प्रदान की है। बस, यही सरकारी सुविधाएं मरीजों के लिए दुविधाएं बन चुकी हैं।

दरअसल, स्वाइन फ्लू वायरस की जांच के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित स्वाइन फ्लू टेस्टिंग लैब में एन1एच1 किट लगभग खत्म हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने किट खरीदने के लिए पांच लाख रुपये जारी किए। इस राशि से चार किट्स खरीदी जा सकती हैं। एक किट से 90 से 100 सैंपलों की जांच की जा सकती है, लेकिन निचले स्तर के सरकारी बाबू किट खरीदने की दिशा में रुचि नहीं दिखा रहे। किट्स की खरीद के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में तीन वरिष्ठ प्रोफेसरों की एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी अब तक खरीद प्रक्रिया के लिए टेंडर तक जारी नहीं कर पाई। वास्तविक स्थिति यह है कि स्वाइन फ्लू टेस्टिंग लैब में इस समय पुरानी किट से मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इस किट से अब 25 सैंपलों की ही जांच हो पाएगी। दूसरी तरफ स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप के चलते स्वाइन फ्लू लैब में प्रतिदिन औसतन चार से पांच सैंपल आ रहे है। सैंपलों की संख्या इसलिए ज्यादा है क्योंकि अमृतसर सहित, तरनतारन, गुरदासपुर व पठानकोट से भी सैंपल यहां जांच के लिए पहुंच रहे हैं।

लैब का स्टाफ किट्स का इंतजार कर रहा है, जबकि परचेज कमेटी टेंडर लगाने में रुचि नहीं दिखा रही। पंजाब में स्वाइन फ्लू से 34 लोगों की मौत हो चुकी है। यह सरकारी आंकड़े हैं, जबकि मौतों की गिनती ज्यादा भी हो सकती है। ऐसी परिस्थिति में टेस्टिंग किट्स की खरीद न होना इस बात की ओर इंगित करता है कि स्वाइन फ्लू को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं। संदिग्ध बुखार से पीड़ित मरीज का सर्वप्रथम सैंपल लेकर टेस्ट किया जाता है। किट ही नहीं खरीदी जा रही तो यह प्रक्रिया कैसे पूरी होगी। जाहिर सी बात है कि टेस्ट के बगैर उपचार भी शुरू नहीं हो पाएगा। इससे मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

वायरस मर जाएगा, तब आएंगी किट्स

स्वाइन फ्लू का एच1एन1 वायरस सर्दी में अंगारों की तरह भड़क चुका है। अब धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है। जैसे ही तापमान 16 डिग्री से अधिक होगा, यह वायरस खत्म हो जाएगा। संभवत: स्वास्थ्य विभाग तापमान बढ़ने का ही इंतजार कर रहा है। यही वजह है कि अब तक किट नहीं खरीदी गई। यदि आज अथवा कल तक किसी कंपनी को टेंडर मिल भी जाता है तभी भी किट्स की परचेज में कम से कम एक महीना लगेगा। तब तक सर्दी निकल जाएगी और स्वाइन फ्लू वायरस शांत हो जाएगा। फिर इन किट्स का क्या फायदा। जल्द होगी किट्स की खरीद : डॉ. नवदीप

आइडीएसपी की एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. नवदीप का कहना है कि परचेज कमेटी किट्स की खरीद जल्द करेगी। वैसे स्वाइन फ्लू टेस्टिंग लैब में अभी किट उपलब्ध है। अगर किसी कारणवश नई किट खरीदने में देरी होती है तो पटियाला स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व जीएमसी तथा पीजीआइ चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू लैब है। हम सैंपल वहां भेजेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.