रजिस्ट्री पर आवेदन शुल्क के रूप में कमाए 89 हजार
लगाई गई 500 रुपये की फीस के बाद सोमवार को पहले दिन 178 आवेदकों से 89 हजार रुपये अतिरिक्त राजस्व इकट्ठा हुआ।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : रजिस्ट्रियों पर पंजाब सरकार की ओर से आवेदन पर लगाई गई 500 रुपये की फीस के बाद सोमवार को पहले दिन 178 आवेदकों से 89 हजार रुपये अतिरिक्त राजस्व इकट्ठा हुआ। हालांकि पहले ही दिन सुबह नौ बजे से दोपहर करीब डेढ़ बजे तक सर्वर डाउन रहा, जबकि पूरे दिन में 178 डाक्यूमेंट रजिस्टर्ड किए गए। कैप्टन सरकार द्वारा दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन पर फीस लगाए जाने का किसी पर कोई असर नहीं दिखा। लोग दस्तावेज रजिस्टर्ड करवाने हेतु रोजाना की तरह सुबह नौ बजे ही तहसील पहुंच गए। सर्वर डाउन होने के चलते कई लोग इंतजार के बाद लौट गए और शाम को दोबारा तहसील पहुंच अपने दस्तावेज रजिस्टर्ड करवाए।
लोगों को सुविधा की जरूरत
सुल्तानविड रोड निवासी लखविदर सिंह ने कहा कि सरकार को लोगों की सुविधाओं की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। जब लोग लाखों रुपये संपत्ती पर खर्च करते हैं तो आवेदन के लिए 500 रुपये फीस देना मामूली है। इससे लोगों पर कोई अंतर नहीं पड़ता मगर राजस्व को फायदा मिलता है।
सर्वर डाउन कर रहा लोगों को परेशान
सुल्तानविड रोड निवास रमिदर शर्मा ने कहा कि वे सुबह से तहसील में बैठे हुए हैं, लेकिन सर्वर डाउन रहा। प्रदेश सरकार लोगों से पैसा इकट्ठा करना तो जानती है मगर सुविधाओं का ध्यान नहीं देती। सरकार ने जब फीस लगा दी है तो लोगों की सुविधा के लिए सेवा केंद्र में एक डेस्क भी स्थापित करे ताकि वहां से लोग आन-लाइन अप्वाइंटमेंट की सेवा ले सकें।
पहले किए आवेदन पर आज ली गई फीस
वेरका निवासी प्रिस सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने मुख्तारनामे को रजिस्टर्ड करवाने के लिए पहले से अप्वाइंटमेंट ले रखी थी। उन्हें पता नहीं था कि सरकार ने 500 रुपये फीस लगा दी है। जब वे सब-रजिस्ट्रार के पास पहुंचे तो उन्हें फीस जमा करवाने को कहा, जो उन्होंने करवा दी। जब हम संपत्ती लाखों रुपयों की डील करते हैं तो 500 रुपये की राशि से कोई फर्क नहीं पड़ता।
सर्वर काम करता है प्रभावित
डीड राइटर्स एसोसिएशन के जिला प्रधान नरेश शर्मा ने कहा कि लोगों को पंजाब सरकार द्वारा रजिस्ट्री की अप्वाइंटमेंट पर लगाई 500 रुपये फीस नहीं चुभती। उन्हें बुरा लगता है सिस्टम का ठीक से काम नहीं होना। तहसील में सर्वर तो अकसर डाउन ही रहता है, तो लोगों की सबसे बड़ी परेशानी है।