42 व्यापारिक व उद्योग सगंठन सरकार के खिलाफ देंगे रोष धरना
कोविड-19 के कारण उद्योग जगत को आ रही समस्याओं संबंधी सरकार अभी तक कोई भी संज्ञान लेने को तैयार नहीं हैं।
जासं, अमृतसर : कोविड-19 के कारण उद्योग जगत को आ रही समस्याओं संबंधी सरकार अभी तक कोई भी संज्ञान लेने को तैयार नहीं हैं। जिले की 42 अलग-अलग व्यापारिक एसोसिएशनो ने छह जनवरी को सरकार के खिलाफ धरना देनं का एलान किया है। इसके साथ ही यह भी घोषणा कि थी कि पांच जनवरी तक उनकी मांगो संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया जाए। मगर राज्य सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी करना तो दूर, अभी तक उद्योगपतियों के साथ बातचीत कर भी मामले का कोई हल निकालने की कोशिश नही की जा रही है। इसको लेकर उद्योगपतियों में रोष है और इस बार व्यापारिक व उद्योग जगत से संबंधित सभी संगठन मिलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हैं। उद्योगपतियों ने तो यहां तक कह दिया है कि जिस तरह का सरकार का रवैया है, वह भी किसानों के मार्ग पर चलने को मजबूर है।
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव समीर जैन ने कहा कि करीब बीस दिन पहले सरकार ने कैबिनेट मीटिग में एलान किया था कि एक सप्ताह में हो नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। मगर अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। अगर नोटिफिकेशन नहीं आता है तो वह लोग संघंर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर है। ये है उद्योगपतियों की मुख्य मांगें
उद्योगपति और व्यापारिक संगठन तीन मुख्य मांगों पर अड़े हुए हैं। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के उप-प्रधान रंजन अंग्रवाल ने कहा कि सरकार ने उद्योग को सस्ती बिजली देने का वादा किया था। इसे सरकार भूल चुकी है। उन्हें सस्ती बिजली नहीं चाहिए। केवल उनकी जरूरी मांगें मान ली जाए ताकि उद्योग को बचाया जा सकें। उनकी मुख्य मांगे है कि कोविड लाकडाउन अप्रैल से लेकर सितंबर तक भेजे गए बिजली बिलों पर लगे फिक्स्ड चार्जेस वापस लिए जाएं। इसी के साथ बिजली बिलों पर 25 प्रतिशत तक सबसिडी दी जाए। इसके अलावा वैट अस्सेमेंट के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का नोटिफिकेशन जारी किया जाए।