Move to Jagran APP

फिर करेंगे मोर्चा फतेह: पंजाबियों की बढिय़ा खुराक, कोरोना महामारी को दे रही मात

पंजाब में कोरोना को मात मिल रही है और काफी संख्‍या में इसके मरीज ठीक हो रहे हैं। ऐसा पंजाबियों की अच्‍छी खुराक के कारण हो रहा है। इससे उनकी इम्‍युनिटी पावर बेहतर है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:43 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 08:02 AM (IST)
फिर करेंगे मोर्चा फतेह: पंजाबियों की बढिय़ा खुराक, कोरोना महामारी को दे रही मात
फिर करेंगे मोर्चा फतेह: पंजाबियों की बढिय़ा खुराक, कोरोना महामारी को दे रही मात

अमृतसर, [नितिन धीमान]। पंजाबियों ने हर मोर्चा फतेह किया है। अब कोरोना वायरस को भी धैर्य एवं दृढ़ता से परास्त कर रहे हैं। पंजाब में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की दर देश में सबसे ज्यादा लगभग 85 फीसद है। यही नहीं, कोरोना पॉजिटिव होने के दस से बारह दिनों बाद ही पंजाबी इसे मात दे रहे हैं। इसका प्रमुख कारण पोषक आहार, मजबूत इम्युनिटी और हाड़ तोड़ श्रम तो है ही, उनकी जिंदादिली भी वरदान साबित हो रही है।

loksabha election banner

पंजाब में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने की दर देश में सर्वाधिक 85 फीसद

राज्य में अब तक 2312 कोरोना पॉजिटिव मरीज रिपोर्ट हुए हैं। इनमें से 1955 ठीक हो चुके हैं। यह पंजाबियों की मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता और अच्छी खुराक से संभव हो पाया है। मुक्तसर व फरीदकोट में तो रिकवरी रेट 98 फीसद है, जबकि बठिंडा में 95 फीसद है। कपूरथला, मानसा व फिरोजपुर में सभी मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैैं।

पोषक आहार व मजबूत इम्युनिटी से कोरोना को परास्त कर रहे पंजाबी

श्री गुरु रामदास अस्पताल, अमृतसर में कार्यरत मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. मनिंदर ङ्क्षसह का कहना है कि कोरोना वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को क्षति पहुंचाता है। पंजाबियों की रोक प्रतिरोधक क्षमता दूसरे राज्यों के लोगों की तुलना में अच्छी है। ग्रामीण परिवेश में रहने वाले पंजाबियों की औसत आयु भी 80 वर्ष है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 70 वर्ष है।

जमकर खाना, खूब पसीना बहाना और जिंदादिली साबित हो रही वरदान

एक पुरानी कहावत है 'रज्ज के खाओ, दब्ब के वाओ' यानी पेट भरकर खाओ और जमकर पसीना बहाओ। खेत खलिहानों में पसीना बहाकर पंजाबी अंदर से मजबूत बने रहते हैं। पंजाब के पारंपरिक खाद्य पदार्थों में सरसों का साग, मक्की की रोटी और देसी घी है। इसके साथ ही दूध, दही भी उनके आहार में शुमार हैं। शहरी क्षेत्रों में भी लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और खूब व्यायाम करते हैैं। 

10 से 12 दिन में ही कोरोना मुक्त हो रहे हैं पंजाबी, रोग प्रतिरोधक क्षमता दूसरे राज्यों के लोगों से अच्छी

तरनतारन के सौ वर्षीय बुजुर्ग ने कुछ दिनों पहले कोरोना को मात दी थी। बुजुर्ग का तर्क था कि अच्छी खुराक के कारण वह एक शताब्दी देख चुके हैं और इसी खुराक ने उन्हें भीतर से मजबूत बनाए रखा है। रोजाना तीन लीटर दूध पीने वाले इस बुजुर्ग ने कहा कि आजकल युवा बाइक अथवा कार पर सफर करते हैं, मैं तो सौ किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय कर लेता था। अब भी पैदल चलता हूं। तड़के तीन बजे उठकर परमात्मा का नाम जपता हूं। सरसों का साग व मक्की की रोटी मेरा पसंदीदा आहार है। इस आयु में भी खेतों में काम कर लेता हूं।

पॉजिटिव होने के बाद भी नेगेटिव विचार नहीं

अमृतसर के कृष्णानगर निवासी 70 वर्षीय एक बुजुर्ग कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के गुरु नानक देव अस्पताल में उपचाराधीन थे। उनके सामने कोरोना पॉजिटिव एक शख्स ने दम तोड़ दिया, लेकिन बुजुर्ग ने धैर्य नहीं खोया और कोरोना को मात दे दी। यह बुजुर्ग इस आयु में भी कढ़ाई का काम करते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक पॉजिटिव होने के बाद भी बुजुर्ग के मन में कभी नेगेटिव विचार नहीं आया। शारीरिक श्रम उनके लिए वरदान बना। इच्छाशक्ति के साथ ही अच्छी खुराक भी संजीवनी साबित हुई।

पंजाबियों की बढिय़ा खुराक, कोरोना को दे रही मात

सबहेड-- पंजाब में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ठीक होने की दर देश में सर्वाधिक 85 फीसद

-पोषक आहार व मजबूत इम्युनिटी से कोरोना को परास्त कर रहे पंजाबी

-जमकर खाना, खूब पसीना बहाना और जिंदादिली साबित हो रही वरदान

-दस से बारह दिन में ही कोरोना मुक्त हो रहे हैं पंजाबी

-पंजाबियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता दूसरे राज्यों के लोगों की तुलना में अच्छी :

नितिन धीमान, अमृतसर

पंजाबियों ने हर मोर्चा फतेह किया है।  अब कोरोना वायरस को भी धैर्य एवं दृढ़ता से परास्त कर रहे हैं। पंजाब में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की दर देश में सबसे ज्यादा लगभग 85 फीसद है। यही नहीं, कोरोना पॉजिटिव होने के दस से बारह दिनों बाद ही पंजाबी इसे मात दे रहे हैं। इसका प्रमुख कारण पोषक आहार, मजबूत इम्युनिटी और हाड़ तोड़ श्रम तो है ही, उनकी जिंदादिली भी वरदान साबित हो रही है।

राज्य में अब तक 2312 कोरोना पॉजिटिव मरीज रिपोर्ट हुए हैं। इनमें से 1955 ठीक हो चुके हैं। यह पंजाबियों की मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता और अच्छी खुराक से संभव हो पाया है। मुक्तसर व फरीदकोट में तो रिकवरी रेट 98 फीसद है, जबकि बठिंडा में 95 फीसद है। कपूरथला, मानसा व फिरोजपुर में सभी मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैैं।

श्री गुरु रामदास अस्पताल, अमृतसर में कार्यरत मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. मङ्क्षनदर ङ्क्षसह का कहना है कि कोरोना वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को क्षति पहुंचाता है। पंजाबियों की रोक प्रतिरोधक क्षमता दूसरे राज्यों के लोगों की तुलना में अच्छी है। ग्रामीण परिवेश में रहने वाले पंजाबियों की औसत आयु भी 80 वर्ष है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 70 वर्ष है। एक पुरानी कहावत है 'रज्ज के खाओ, दब्ब के वाओÓ यानी पेट भरकर खाओ और जमकर पसीना बहाओ। खेत खलिहानों में पसीना बहाकर पंजाबी अंदर से मजबूत बने रहते हैं। पंजाब के पारंपरिक खाद्य पदार्थों में सरसों का साग, मक्की की रोटी और देसी घी है। इसके साथ ही दूध, दही भी उनके आहार में शुमार हैं। शहरी क्षेत्रों में भी लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और खूब व्यायाम करते हैैं। 

तरनतारन के सौ वर्षीय बुजुर्ग ने कुछ दिनों पहले कोरोना को मात दी थी। बुजुर्ग का तर्क था कि अच्छी खुराक के कारण वह एक शताब्दी देख चुके हैं और इसी खुराक ने उन्हें भीतर से मजबूत बनाए रखा है। रोजाना तीन लीटर दूध पीने वाले इस बुजुर्ग ने कहा कि आजकल युवा बाइक अथवा कार पर सफर करते हैं, मैं तो सौ किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय कर लेता था। अब भी पैदल चलता हूं। तड़के तीन बजे उठकर परमात्मा का नाम जपता हूं। सरसों का साग व मक्की की रोटी मेरा पसंदीदा आहार है। इस आयु में भी खेतों में काम कर लेता हूं।

पॉजिटिव होने के बाद भी नेगेटिव विचार नहीं

अमृतसर के कृष्णानगर निवासी 70 वर्षीय एक बुजुर्ग कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के गुरु नानक देव अस्पताल में उपचाराधीन थे। उनके सामने कोरोना पॉजिटिव एक शख्स ने दम तोड़ दिया, लेकिन बुजुर्ग ने धैर्य नहीं खोया और कोरोना को मात दे दी। यह बुजुर्ग इस आयु में भी कढ़ाई का काम करते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक पॉजिटिव होने के बाद भी बुजुर्ग के मन में कभी नेगेटिव विचार नहीं आया। शारीरिक श्रम उनके लिए वरदान बना। इच्छाशक्ति के साथ ही अच्छी खुराक भी संजीवनी साबित हुई।

यह भी पढ़ें: कामगारों की छटपटाहट: भ्राजी, तुस्सी घर लौट आओ...बाबूजी हमहू चाहित है, कौनो व्‍यवस्‍था करावा



यह भी पढ़ें: हरियाणा के युवाओं की दास्‍तां: जमीन बेची और लाखों का कर्ज लिया, बेटा बर्बादी लेकर लाैटा

यह भी पढ़ें: मुश्किल में फंसी जान को बचाएगा सप्लीमेंट ऑक्सीजन थेरेपी सिस्टम, कोरोना संकट में संजीवनी

यह भी पढ़ें: चिंता न करें जल्‍द मिलेगी कोरोना से मुक्ति, जानें उत्तर भारत में कब तक खत्‍म होगा यह virus

यह भी पढ़ें: वंडर गर्ल है म्‍हारी जाह्नवी, दुनिया भर के युवाओं की आइकॉन बनी हरियाणा की 16 की लड़की 

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.