रजिस्ट्रार को हटाने के लिए पूर्व प्रोफेसर ने राज्यपाल लिखा पत्र
अमृतसर गुरु नानक देव विश्वविद्यालय प्रबंधन के प्रमुख अधिकारी अपने कार्यकारी पद का दुरुपयोग करते हुए पूर्व उप-कुलपति के समय में हुई अनियमिताओं को छिपाने में लगे हैं। जबकि मौजूदा उप-कुलपति इस मामले में मूक दर्शक बने हुए हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय प्रबंधन के प्रमुख अधिकारी अपने कार्यकारी पद का दुरुपयोग करते हुए पूर्व उप-कुलपति के समय में हुई अनियमिताओं को छिपाने में लगे हैं। जबकि मौजूदा उप-कुलपति इस मामले में मूक दर्शक बने हुए हैं। यह आरोप गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व ऐसोसिएट प्रो. रघुबीर ¨सह की ओर से लगाए गए। इस संबंध में उन्होंने पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत भेज कर जीएनडीयू के कार्यकारी रजिस्ट्रार प्रो. करनजीत सिह काहलों को पद से हटाकर इस पर स्थायी नियुक्ति करने की मांग की है। प्रो. रघुबीर ¨सह की ओर से पंजाब के राज्यपाल व मुख्य मंत्री को भेजी लिखित शिकायत में उन्होंने कहा कि पूर्व रजिस्ट्रार इन्द्रजीत ¨सह की सेवानिवृत्त के उपरांत पूर्व उप-कुलपति प्रो. अजायब सिंह बराड़ ने कभी भी रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पद पर किसी स्थायी अधिकारी को नहीं लगाया। पत्र में कहा कि गया कि बराड़ द्वारा प्रो. इन्द्रजीत ¨सह के सेवानिवृत्त के उपरांत प्रो. शरणजीत ¨सह ढिल्लो को कार्यकारी रजिस्ट्रार बनाया गया, उनके रिटायर्ड होने पर 2016 में रजिस्ट्रार के पद की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया जिसमें 16 उम्मीदवारों ने आवेदन किया गया, जिनमें प्रो. करनजीत ¨सह काहलों भी शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रो. बराड़ ने पहले चुनाव आचार संहिता का बहाना बनाकर उम्मीदवारों की इंटरव्यू नहीं करवाई और बाद में प्रो. काहलों को 2017 कार्यकारी रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि चाहे मार्च 2017 में प्रो. बराड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन इसके बावजूद करनजीत ¨सह काहलों अपने पद पर बने रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रो. काहलो के द्वारा अभी तक प्रो. बराड़ के समय हुई वित्तीय अनियमिताओं की जांच संबंधी रिकार्ड विजीलेंस को सौंपा जा रहा है जिस कारण जांच का कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने मांग की कि प्रो. काहलों को तुरंत पद से हटाकर स्थायी रजिस्ट्रार की नियुक्ति की जाए।