आक्सीजन सिलेंडर टकराने से क्षतिग्रस्त हुई एमआरआइ मशीन 21 दिन बाद हुई आन
। गुरु नानक देव अस्पताल में एमआरआइ मशीन आन हो गई है। तकनीकी टीम ने 21 दिन माथापची के बाद वीरवार को मशीन दुरुस्त कर दी।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
गुरु नानक देव अस्पताल में एमआरआइ मशीन आन हो गई है। तकनीकी टीम ने 21 दिन माथापच्ची के बाद वीरवार को मशीन दुरुस्त कर दी। दरअसल, आक्सीजन सिलेंडर टकराने से मशीन काफी क्षतिग्रस्त हुई थी। वहीं इसमें से हीलियम गैस का स्त्राव हो गया था। तकनीकी टीम ने क्षति पूर्ति की और बीते बुधवार को इसमें हीलियम गैस भरने का काम शुरू किया, जो वीरवार को संपन्न हो गया। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. जेपी अत्री ने बताया कि मशीन आन करने के लिए इसे टेस्टिंग पर लगाया गया है। एक दिन चलाने के बाद इसकी वर्किंग चेक की जा रही है। इसके पश्चात शुक्रवार से मरीजों के टेस्ट शुरू किए जाएंगे। पांच नवंबर को एमआरआइ मशीन से आक्सीजन से भरा सिलेंडर टकराया था। असल में उस दिन एक मरीज का एमआरआइ टेस्ट करवाने के लिए लाया गया था। स्ट्रेचर पर लेटे मरीज के साथ ही लोहे का भारी भरकम आक्सीजन सिलेंडर भी रखा था। दर्जा चार कर्मचारी ने सिलेंडर बाहर नहीं रखा। एमआरआइ कक्ष के समीप ले आया। इसी दौरान चुंबकत्व शक्ति से लैस एमआरआइ मशीन ने लोहे का यह सिलेंडर अपनी ओर खींच लिया। सिलेंडर मशीन में जा फंसा। इसके बाद एमआरआइ मशीन आफ हो गई। चंडीगढ़ व मुंबई से आई तकनीकी टीमों ने पिछले सप्ताह आक्सीजन सिलेंडर बाहर निकालकर क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त किया। फिर हीलियम गैस भरकर इसे क्रियान्वित कर दिया। दर्जा चार कर्मी की नौकरी गई थी, दो तकनीशियनों को चार्जशीट की तैयारी
इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने दर्जा चार कर्मचारी को नौकरी से निकाला था। यह कर्मचारी निजी कंपनी ने आउटसोर्स कर यहां भेजा था। वहीं दो सरकारी तकनीशियनों पर लापरवाही के आरोप को देखते हुए चार्जशीट करने के लिए विभाग को लिखा गया है। इन तकनीशियनों का काम था कि लोहे की कोई भी वस्तु एमआरआइ के नजदीक न जाने पाए, पर इन्होंने सिलेंडर को अंदर आने दिया। डा. जेपी अत्री ने कहा कि मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के डायरेक्टर डीके तिवारी ने इनकी चार्जशीट तैयार करने को कहा था। हमने चार्जशीट चंडीगढ़ भेज दी है।