गैंगस्टर अंग्रेज ने की थी दिल्ली में गैंगस्टर मस्ती की हत्या!
। कुख्यात गैंगस्टर शुभम के राइट हैंड कहे जाने वाले अंग्रेज सिंह ने नवंबर 2018 में जग्गू गैंग के गुर्गे करण कुमार उर्फ मस्ती की हत्या की थी।
नवीन राजपूत, अनिल भंडारी. अमृतसर
कुख्यात गैंगस्टर शुभम के राइट हैंड कहे जाने वाले अंग्रेज सिंह ने नवंबर 2018 में जग्गू गैंग के गुर्गे करण कुमार उर्फ मस्ती की हत्या की थी। अंग्रेज के मुंह से हुए उक्त राजफाश के बाद पुलिस का खुफिया तंत्र एक्टिव हो गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पुलिस फताहपुर जेल में बंद कुछ गैंगस्टरों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने वाली है।
हालांकि इस बाबत कोई भी पुलिस अधिकारी बताने को तैयार नहीं है। एक बड़े पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस केस में अंग्रेज के बताए कुछ और आरोपितों की गिरफ्तारी होनी बाकी है। इसके बाद मस्ती की हत्या से पर्दा उठ पाएगा। बताया जा रहा है कि बीती दिवाली के दौरान अंग्रेज सिंह के साथ मेरठ और दिल्ली के गैंग के कुछ सदस्य भी थे। मस्ती और अंग्रेज में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। जिसके बाद अंग्रेज सिंह ने दिल्ली के गैंग के साथ मिलकर मस्ती की हत्या कर दी थी। क्या है मामला
अंग्रेज सिंह और करण मस्ती एक साल पहले कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के गैंग में ही काम करते थे। महानगर में साल 2018 में गुरु बाजार में 3.20 करोड़ की लूट में मस्ती और अंग्रेज सिंह ने अहम रोल था। इससे पहले जून 2018 दोनों ने कांग्रेस पार्षद गुरदीप सिंह पहलवान की दंगल में गोलियां मार हत्या कर दी थी। लूटकांड के बाद आरोपित दिल्ली फरार हो गए थे। नवंबर 2018 में मस्ती का शव एक कार से दिल्ली - उप्र. बॉर्डर पर मिला था। तब दिल्ली पुलिस पता नहीं कर पाई थी कि मस्ती की हत्या किसने की है। लेकिन शातिर अंग्रेज सिंह पुलिस को चकमा देकर अमृतसर, तरनतारन, दिल्ली और हिमाचल में छिपता रहा। कुछ दिन पहले वह अपनी छेहरटा में रहने वाली मौसी के घर ठहरा हुआ था कि इसकी भनक सीआइए स्टाफ को लग गई और उसे दबोच लिया। बता दें, इस बीच आरोपित मार्च 2019 में छेहरटा के बिल्ला कोट खालसा के घर में घुसकर उसकी भी गोलियां मारकर हत्या कर चुका है। अंग्रेज सिंह ने फतेह सिंह कॉलोनी में एक घर में घुसकर भी गोलियां चलाई थी। सिलेंडर के कारोबार से ऐसे बना अंग्रेज गैंगस्टर
फतेह सिंह कॉलोनी के लोग बताते हैं कि कुछ साल पहले अंग्रेज इलाके में सिलेंडर बेचने का काम करता था। धीरे धीरे उसने सिलेंडर ब्लैक में बेचने शुरु कर दिए। कुछ लोगों ने उसकी शिकायत पुलिस से की और उसे पकड़वा दिया। थाने में उसके साथ मारपीट की गई और केस दर्ज करके जेल भेज दिया गया। फताहपुर जेल में उसकी मुलाकात गैंगस्टरों के साथ हुई थी। वहीं से उसने जग्गू के लिए काम करना शुरू कर दिया।