श्री बावा लाल दयाल करमो ड्योढ़ी में गंगोत्री धाम से संत लाए गंगा जल
पिछले कई सालों से गद्दी श्री बावा लाल दयाल करमो ड्योढ़ी में गंगोत्री धाम से लाए गए गंगाजल के साथ सतगुरु श्री बावा लाल दयाल जी का पंचामृत स्नान करवाने की परंपरा चल रही है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : पिछले कई सालों से गद्दी श्री बावा लाल दयाल करमो ड्योढ़ी में गंगोत्री धाम से लाए गए गंगाजल के साथ सतगुरु श्री बावा लाल दयाल जी का पंचामृत स्नान करवाने की परंपरा चल रही है। इस बार गंगोत्री धाम के रावल संत शिव प्रकाश गंगा जल लेकर अमृतसर गद्दी परिसर में आए हैं। संत शिव प्रकाश ने गंगाजल गद्दीनशीन महंत अनंतदास को पूरी धार्मिक परंपरा के साथ भेंट किया। महंत अनंतदास जी महाराज ने कहा कि सतगुरु श्री बावा लाल दयाल जी के जयंती महोत्सव पर सतगुरु जी का पंचामृत स्नान गंगाजल से किया जाता है। यह गंगाजल गंगोत्री धाम से लेकर आया जाता है। जयंती महोत्सव पर पूरी धार्मिक परंपरा के साथ पुजारियों द्वारा पंचामृत के साथ स्नान करवाया जाएगा। गंगोत्री धाम से आए संत शिव प्रकाश ने बताया कि उनको अति प्रसन्नता होती है कि उनको सतगुरु बावा लाल दयाल जी के पंचामृत स्नान के लिए गंगाजल लाने का सौभाग्य प्राप्त होता है। मानव जीवन में ही प्रभु को प्राप्त करने का मिलता है अवसर : अशोक कपूर
श्रीमद् भागवत गीता का उपदेश मानवता के कल्याण का मार्ग है। इस मार्ग पर चल कर ही हम प्रभु धाम को प्राप्त कर सकते हैं। यह बात समाज सेवक अशोक कपूर कंपनी बाग लंगर वालों ने कही। उन्होंने कहा कि प्रभु सुमिरन के साथ ही जीव को प्रभु का अपने संग होने का एहसास होता है। प्रभु को ढूंढ़ने की जरूरत नहीं होती है, जब हम प्रभु के नाम से जुड़ जाते हैं तो प्रभु हमेशा भक्तों के साथ जुड़ जाता है। भगवान विष्णु व प्रह्लाद भगवान श्री कृष्ण व सुदामा का मैत्री भाव व भक्तिभाव का यही संदेश देता है। श्रीमद भागवत गीता का ग्रंथ हमें प्रभु के साथ जुड़ने की प्रेरणा देता है। मानव जीवन का मिलना सौभाग्य है।