सामूहिक आत्महत्या कांड में पूर्व डीजीपी ने दी गवाही
2004 में चौक मोनी में एक परिवार की पांच सदस्यों ने आत्महत्या कर ली थी।
जागरण संवाददाता अमृतसर : साल 2004 में चौक मोनी में एक परिवार की पांच सदस्यों ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में बुधवार शाम पूर्व डीजीपी हरदीप सिंह ढिल्लों अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीष सरबजीत सिंह बाजवा की कोर्ट में पेश हुए।
अक्टूबर 2004 में चौक मोनी में हरदीप सिंह, उसकी पत्नी रोमी, मां जसवंत कौर, दो बेटे इश्मीत और इमरीत ने आत्महत्या कर ली थी। परिवार के सदस्यों ने घटनाक्रम को अंजाम देने से पहले घर की दीवारों पर लिख दिया था कि वह तत्कालीन एसएसपी कुलतार सिंह से दुखी होकर आत्महत्या कर रहे हैं। तब तत्कालीन कोतवाली के थाना प्रभारी हरदेव सिंह जब घटना स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने दीवार पर लिखे सुसाइड नोट को मिटाने का प्रयास किया था। तब मौके पर मीडिया कर्मी वहां पहुंच गए थे। आज गवाही देने पहुंचे पूर्व डीजीपी ढिल्लों ने बताया कि साल 2008 में उन्होंने सारे मामले की जांच कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी थी। जांच के दौरान पूर्व डीआइजी कुलतार सिंह के खिलाफ उन्हें सबूत नहीं मिले थे। कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई 25 नवंबर तय की है।