पिता बोले, बेटे-बहू को कई बार समझाया, मत लड़ो, पर नहीं माने, झगड़े ने छीन लिया सहारा
परिवार में दो हत्याएं और बेटे द्वारा आत्महत्या की खबर सुनकर बुजुर्ग राम सिंह टूट गए हैं। घटना से पहले वह पत्नी के साथ लुधियाना में किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए गए हुए थे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : परिवार में दो हत्याएं और बेटे द्वारा आत्महत्या की खबर सुनकर बुजुर्ग राम सिंह टूट गए हैं। घटना से पहले वह पत्नी के साथ लुधियाना में किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए गए हुए थे। राम सिंह ने बताया कि जब पुलिस ने उन्हें सूचना दी कि उनके बेटे महिदर सिंह ने आठ साल की अपनी बेटी और पत्नी ज्योति की हत्या के बाद खुद भी आत्महत्या कर ली है तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई। उनके पैर लड़खड़ाने लगे और फोन हाथ से छूट गया। कुछ देर बाद रिश्तेदारों ने मोबाइल जमीन से उठाकर बात की तो उनको भी घटना का पता चला।
राम सिंह ने पुलिस को बताया कि इस उम्र में वह बेटे महिदर सिंह, पोती गुरप्रीत कौर (8) और बहू ज्योति का शव देखने के लायक नहीं है। उन्होंने सोचा नहीं था कि इस बुढ़ापे में उन्हें जवान बेटे और बहू को कंधा देना पड़ेगा। राम सिंह ने बताया कि उनका बड़ा बेटे विदेश में रहता है और उनकी देखरेख महिदर ही यहां करता था, लेकिन बेटे-बहू में छोटी-छोटी बात पर झगड़ा होता था। वह कई बार दोनों को समझा चुके थे कि इसका असर बच्ची पर हो रहा है, लेकिन दोनों समझने को तैयार नहीं थे। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि लगभग दस साल पहले यूपी के बरेली जिला निवासी ज्योति की शादी महिदर सिंह के साथ हुई थी। महिदर सिंह के पिता राम सिंह खेतीबाड़़ी विभाग से चौकीदार की नौकरी से रिटायर्ड हो चुके हैं। लगभग सात साल पहले उन्होंने महिदर को इसी विभाग में बतौर चौकीदार लगवाया था।