किसानों ने घेरीं सांसद औजला की कोठी
किसान मजदूर जत्थेबंदियो ने मंगलवार को सांसद गुरजीत सिंह औजला की कोठी का घेराव किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: एक देश एक मंडी बनाकर कर्पोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए खेती सुधार के नाम पर पास किए गए तीन ऑर्डिनेंस व बिजली शोध बिल 2020 के विरोध में किसान मजदूर जत्थेबंदियो ने मंगलवार को सांसद गुरजीत सिंह औजला की कोठी का घेराव किया। दोपहर करीब एक बजे धरना देने पहुंची किसान जत्थेबंदिया देर शाम तक वहीं पर बैठे रहे और केन्द्र सरकार व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि मोदी सरकार विश्व व्यापार संस्था के दबाव में देश के हर एक पब्लिक सेक्टर को कार्पोरेट कंपनियों के हवाले कर देश की 130 करोड़ जनता के साथ गद्दारी कर रही है। इस फैसले के साथ पंजाब के किसानों की कमर तोड़ी जा रही है और राज्यों के सीमावर्ती अधिकारों का केन्द्रीयकरण कर देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। इससे पंजाब की 1853 मंडियों से आने वाले पंजाब सरकार को चार हजार करोड़ की मंडी फीस बंद हो जाएगी। साथ ही 85 प्रतिशत से ज्यादा पांच एकड़ जमीन से कम वाले किसान खेती से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि लुधियाना और राजपुरा में दो हजार एकड़ जमीन व्यापारिक पार्क के नाम पर उद्योगपत्तियो को देनें के फैसले को रद्द किया जाए। पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत सरकार कंट्रोल के अधीन कर केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से लगाए गए 71 प्रतिशत टैक्स हटाए और डीजल 25 व पेट्रोल 35 रुपये लीटर किया जाए। किसानों की मांग संसद में उठाऊंगा: औजला
सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि किसान जत्थेबंदियों का उनकी कोठी का घेराव करने के फैसले का सम्मान करते हैं। साथ ही वह उनकी मांगो के साथ पूरी तरह से खड़े हैं। इसके लिए जरूरी है कि भाजपा और अकाली नेताओं का घेराव किया जाए। उनसे किसानो के हकों संबंधी स्टैंड स्पष्ट करवाया जाए क्योंकि केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने खुद हस्ताक्षर कर ऑर्डिनेंस पास किए हैं, जबकि वह पंजाब में आकर खुद को किसानों का मसीहा बताती हैं। इन मुद्दों को दोबारा से संसद में उठाया जाएगा।