किसान बोले, पंजाब की आर्थिक नाकेबंदी के लिए केंद्र जिम्मेदार
। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब ने राज्य की आर्थिक मंदहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को जिम्मेवार ठहराया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब ने राज्य की आर्थिक मंदहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक नाकाबंदी करने के लिए जहां केंद्र जिम्मेवार है, वही जरूरी वस्तुएं सड़क मार्ग के माध्यम से न मंगवाने के लिए राज्य सरकार भी बराबर की जिम्मेवार है।
संगठन के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू और महासचिव सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ 25 नवंबर को बैठक आयोजित की जा रही है, जिसको लेकर आज आइजी बार्डर जोन के साथ बातचीत हुई है। संगठन ने फैसला लिया है कि मुख्यमंत्री के साथ सिर्फ उन ही मांगों पर चर्चा होगी जो मांगें राज्य स्वीकार करने का एलान किया था, परंतु अब तक लागू नहीं की गई है। तीन कृषि कानूनों को रद करवाने का मामला केंद्र के साथ संबंधित है। इसलिए उनको लेकर आंदोलन जारी रखा जाएगा। उनके संगठन ने माल गाड़ियों के लिए रास्ता खोल दिया है, परंतु यात्री ट्रेनों को वह नही चलने देंगे।
उधर 30 किसान संगठनों के साझा गठजोड़ ने बुटारी रेलवे स्टेशन के बाहर से धरना अपने ऐलान के अनुसार उठा लिया है। किसान नेताओं लखबीर सिंह, रत्न सिंह, सतनाम सिंह ने बताया कि 15 दिन के लिए यात्री ट्रेनें चलाने की इजाजत दे दी है, परंतु राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक के घर के बाहर, माल आफ अमृतसर के बाहर, अजनाला रोड, टोल प्लाजा मानांवाला और टोल प्लाजा कत्थूनंगल में धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कृषि सुधार कानून किसी भी कीमत पर प्रदेश में लागू नहीं होने देंगे।