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ऑडिनेंस के खिलाफ जेल भरो अंदोलन शुरू, किसानों ने घेरा डीसी दफ्तर

। किसान विरोधी तीन ऑर्डिनेंस व बिजली संशोधन एक्ट वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने सोमवार से राज्य व्यापी जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 12:04 AM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 06:13 AM (IST)
ऑडिनेंस के खिलाफ जेल भरो अंदोलन  शुरू, किसानों ने घेरा डीसी दफ्तर
ऑडिनेंस के खिलाफ जेल भरो अंदोलन शुरू, किसानों ने घेरा डीसी दफ्तर

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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किसान विरोधी तीन ऑर्डिनेंस व बिजली संशोधन एक्ट वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने सोमवार से राज्य व्यापी जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया है।

किसान मजूदर संघर्ष कमेटी पंजाब व भारतीय किसान यूनियन उग्राहां के नेतृत्व में सैकड़ों किसान मार्च करते हुए अमृतसर के डीसी कार्यालय पहुंचे। वहां इन्होंने पक्का मोर्चा लगा कर धरना शुरू कर दिया। धरने में महिलाएं भी शामिल हुई। पहले दिन 51 किसानों ने डीसी दफ्तर के बाहर खुद को गिरफ्तारी के लिए पेश किया। परंतु समाचार लिखे जाने तक किसी भी किसान को गिरफ्तार नहीं किया गया।

प्रदर्शन के दौरान शारीरिक दूरी के नियम की खुल कर धज्जियां उड़ाई गई। प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार की किसान व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। किसानों ने धरनास्थल पर ही चाय व लंगर आदि की व्यवस्था की हुई थी। उन्होंने एलान किया कि उनका धरना 16 सितंबर तक राज्य के नौ जिलों के डीसी कार्यालयों के बाहर जारी रहेगा। हर रोज किसान अपने आप को गिरफ्तारियों के लिए पेश करेंगे।

किसान नेताओं, स्वर्ण सिंह पंधेर, गुरबचन सिंह चब्बा, रणजीत सिंह कलेरबाला और जर्मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से तीन किसान विरोधी ऑर्डिनेंस लागू करके किसानों के हाथों में से कृषि सेक्टर को छीन का कारपोरेट घरानों को देना चाहती है। यह एक्ट लागू होने से किसान अपनी ही भूमि पर कृषि मजदूर बन कर रह जाएंगे। किसानों को मिलने वाली हर तरह की सब्सिडी खत्म हो जाएगी। निजी व्यापारियों को मनमर्जी से किसानों की फसलों के रेट तय करके खरीदने और भंडारण करने की इजाजत मिल जाएगी। केंद्र सरकार देश में पर कारपोरेट माडल को कृषि सेक्टर व किसानी पर लागू करने जा रही है जो मॉडल यूरोपियन देशों में फेल हो चुका है।

किसान नेताओं ने कहा कि कृषि सेक्टर को निजी कंपनियों के पास अब सरकारें गिरवी रखने जा रही हैं। सरकार की ओर से 14 सितंबर को संसद का सेशन बुलाया जा रहा है इसमें इन किसान विरोधी बिलों और बिजली एक्ट संशोधित को पेश किया जा रहा है। जिसे राज्य के किसान लागू नहीं होने देंगे। इसीकिए किसानों की ओर से राज्य भर में जेल भरो आंदोलन शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में बिहार की मंडियों को निजी हाथों में दिया गया था। इससे बिहार के किसानों की फसलों के सही मूल्य किसानों को नही मिले और वहां के किसानों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई। बिजली एक्ट लागू होने से किसानों को मिलने वाली बिजली की सब्सिडी खत्म हो जाएगी। सरकार किसानों को बीज , खाद और औजारों पर दी जाने वाली सब्सिडी भी खत्म करने जा रही है।

इस दौरान किसान नेताओं कुलदीप सिंह, सकत्ता सिंह कोटला, अमरदीप सिंह, राज सिंह , गुरदेव सिंह वरपाल, अजीत सिंह , अमरदीप सिंह गोपी , सविदर सिंह रूपोवाली आदि ने भी संबोधित किया।

इन्होंने की गिरफ्तारी की पेशकश

किसानों की ओर सोमवार को बीबी दविदर कौर, पलविदर कौर, गुरदीप कौर, रविदर कौर, हरविदर कौर , गुरबचन सिंह चब्बा, मुखतार सिंह , कृपाल सिंह के नेतृत्व में 51 कार्यकर्ता गिरफ्तारी के लिए पेश हुए।


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