मंडियों में धान की आमद तेज, लिफ्टिंग धीमी, अधिकारियों को दी शिकायत
किसान नेता बलविदर सिंह दुधाला ने बताया कि मंडियों में नमी अधिक होने के कारण व धान का दाना लो क्वालिटी का होने के कारण 100 क्विंटल के पीछे छह क्विटल की कटौती लगाई जा रही है जिस के चलते किसानों में भारी रोष है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: जिले की विभिन्न अनाज मंडियों में धान की आमद तेज हो गई है। हालांकि अमृतसर की सबसे बड़ी अनाज मंडी भगतांवाला में सरकारी व निजी एजेंसियों की ओर से खरीदे जा रहे धान की लिफ्टिंग काफी धीमी है। वहीं सबसे अधिक धान की खरीद निजी एजेंसियों की ओर से की जा रही है। इसके अलावा देश की सबसे बड़ी खरीद एजेंसी एफसीआइ ने अभी तक भगतांवाला मंडी में कोई भी खरीद नहीं की है, जबकि राज्य की अन्य एजेंसियों की ओर से खरीद की जा रही है। भगतांवाला मंडी में बुधवार तक नौ लाख पचास हजार क्विटल धान की आमद हो चुकी है। इसमें से मार्कफेड की ओर से साढ़े 16 लाख बोरियां धान की खरीद की गई है। वहीं पनसप ने बीस हजार, वेयर हाउस ने साढ़े 27 हजार तथा पनग्रेन ने साढ़े 19 लाख बोरी धान खरीदा है।
वहीं मंडी में जो धान पहुंच रहा है उसमें नमी काफी अधिक पाई जा रही है। इसके चलते मंडियों में कटौती लगाई जा रही है। आल इंडिया किसान सभा के किसान नेता बलविदर सिंह दुधाला ने बताया कि मंडियों में नमी अधिक होने के कारण व धान का दाना लो क्वालिटी का होने के कारण 100 क्विंटल के पीछे छह क्विटल की कटौती लगाई जा रही है, जिस के चलते किसानों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर संगठन की ओर से डीसी और मंडी बोर्ड के अधिकारियों के साथ साथ अलग-अलग खरीद एजेंसियों को भी लिखित शिकायत भेज दी है।
जबकि सरकारी एजेंसियों की ओर से 17 प्रतिशत नमी वाला धान ही खरीदा जा रहा है। इस से अधिक नमी पाए जाने पर कटौती लगाई जा रही है। मंडी में प्राइवेट एजेंसियों की ओर से पहले से ही धान की परमल और 1509 किस्म का धान खरीदा जा रहा है। सरकार की ओर से 1960 रुपये सरकारी रेट धान का तय किया हुआ है। प्राइवेट एजेंसियां परमल 1500 रुपये से लेकर 1900 रुपये में खरीद रही हैं, जबकि 1509 किस्म का धान 2700 रुपये से लेकर 3150 रुपये के हिसाब से खरीदा जा रहा है। जिले में 57 से अधिक खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। डीसी ने आदेश दिए हैं कि खरीदे गए धान की लिफ्टिंग 72 घंटों के भीतर यकीनी बनाई जाए, परंतु फिर भी 72 घंटों में लिफिटंग नही हो रही है।
मंडी मजदूर यूनियन व आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधि राकेश तुली ने कहा कि दोनों संगठनों ने जिला प्रशासन और मंडी बोर्ड के अधिकारियों को लिखित में दिया है कि खरीदे गए धान की लिफिटग को जिले की सारी मंडियों में समय के भीतर यकीनी बनाया जाए।