Farmers Protest: अमृतसर में ज्ञानी हरप्रीत सिंह बाेले- किसान आंदोलन का खालिस्तान से संबंध नहीं
Kisan Andolan श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरदीप सिंह ने कहा कि किसानों के आंदोलन का खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह की बातें करना सही नहीं है। यह कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ बस किसानों का आंदोलन है।
अमृतसर, जेएनएन। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Jathedar Gyani Hardeep Singh) ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए किया जा रहा संघर्ष केवल किसान आंदोलन है। इसको खालिस्तान, पंजाब और सिर्फ पंजाबियों का आंदोलन बना कर पेश करने की साजिश रची जा रही है। इस तरह की कोशिश पूरी तरह से गलत है। किसान आंदोलन का किसी भी तरह खालिस्तान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
कहा- किसानों की मांग पर केंद्र सरकार को कृषि सुधार कानूनों को रद करना चाहिए
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह किसानों के मन की आवाज सुने और उनकी मांगों पर विचार कर उन्हें मान ले। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की, कि तीनों कृषि सुधार कानूनों को तुरंत रद किया जाए। कृषि सुधार कानूनों से देशभर के किसानों में रोष है। ऐसे में कानूनों को लागू करना ठीक नहीं है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इसके साथ ही आंदोलन के दौरान किसानों से शांति व सद्भाव बरकरार रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर संघर्ष नियमों में रह कर शांतिमय ढंग से चला कर रही जीता जा सकता है। सरकार और किसानों को किसी भी तरह का टकराव का रास्ता छोड़ कर आपसी तालमेल से इस आंदोलन के मुद्दों पर विचार करना चाहिए।
कहा, जरूरत हुई तो मैं भी किसानों के साथ लूंगा आंदोलन में हिस्सा
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी समेत सभी वर्ग अपने-अपने स्तर पर इस संघर्ष में योगदान दे रहे हैं। तख्त दमदमा साहिब का सारा स्टाफ आंदोलन में किसानों के साथ है। वह बोले, मैं भी मन ने किसानों के आंदोलन में उनके साथ हूं। अगर जरूरत हुई तो आंदोलन में किसानों के साथ शामिल भी हो जाऊंगा। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि कलाकारों को किसान आंदोलन की आड़ में ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जो समाज में विवाद पैदा करें और आंदोलन को नुकसान पहुंचे।
यह भी पढ़ें: Agricultural law: हरियाणा के विशेषज्ञों का मत- कृषि कानून किसान उत्पादक संघ व प्रगतिशील किसानों के लिए वरदान
यह भी पढ़ें: Farmers Protest: पंजाब के किसान चाहते थे आढ़ती सिस्टम का खात्मा, अब कृषि कानूनों के विरोध में
यह भी पढ़ें: Agricultural laws: हरियाणा के इन प्रगतिशील किसानों से जानिये तीन कृषि कानूनों के फायदे
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए