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जागरण की खबर का असर: फोकल प्वांट में सड़क पर केमिकल युक्त पानी आने का मामला कमेटी ने डीसी के सामने रखा

महानगर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर डीसी की ओर से गठित पर्यावरण सुरक्षा कमेटी ने गतिविधियों को तेज कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 05:00 AM (IST)
जागरण की खबर का असर: फोकल प्वांट में सड़क पर केमिकल युक्त पानी आने का मामला कमेटी ने डीसी के सामने रखा
जागरण की खबर का असर: फोकल प्वांट में सड़क पर केमिकल युक्त पानी आने का मामला कमेटी ने डीसी के सामने रखा

जासं, अमृतसर : महानगर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर डीसी की ओर से गठित पर्यावरण सुरक्षा कमेटी ने गतिविधियों को तेज कर दिया है। कमेटी यहां लोगों को वृक्षों की रक्षा के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं कुछ इंडस्ट्रीयल यूनिटों की ओर से खुले में छोड़े जा रहे इंडस्ट्रीयल वेस्ट और इंडस्ट्रीयल केमिकल युक्त पानी के विरोध में भी आवाज उठानी शुरू कर दी है।

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हाल ही में अमृतसर के फोकल प्वांइट एरिया में कुछ यूनिटों की ओर से खुले में छोड़े गए रसायनयुक्त पानी के खिलाफ कमेटी की ओर से शिकायतें अमृतसर के डीसी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन डा. आदर्शपाल विग को भेज दी है। जिस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई का आश्वासन कमेटी को दिया है।

उल्लेखनीय है कि बारिश में सड़क पर फैले केमिकलयुक्त पानी का मामला दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था। पर्यावरण सुरक्षा कमेटी के सदस्य दीपक बब्बर ने बताया कि खुले में इंडस्ट्रीयल यूनिटों की ओर से पानी छोड़ने का पता तो सभी को आसानी से चल जाता है, परंतु बहुत सारे यूनिट ऐसे हैं जो इंडस्ट्री का खतरनाक केमिकल युक्त पानी भूमि के अंदर सैकड़ों फुट गहरे बोर करके छोड़ रहे हैं जो आने वाले समय के लिए और भी अधिक खतरनाक है। इस से आने वाले कुछ वर्षों में भूमिगत जल भी बड़े स्तर पर प्रदूषित होकर आने वाली पीढि़यों को खत्म करने वाला सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण रक्षा कमेटी ने इस तरह के यूनिटों के खिलाफ एक दर्जन के करीब शिकायतें प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दी है। जिस पर जल्दी ही कमेटी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन के साथ बैठक करे आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करवाएगी।

बब्बर ने बताया कि कुछ दिन पहले फोकल प्वाइंट इंस्ट्रीयल एरिया में जिस इंडस्ट्रीयल यूनिट का खतरनाक केमिकल युक्त पानी खुले में छोड़ा गया था। उसका काफी उल्टा प्रभाव क्षेत्र में देखने को मिला है। इलाके के काफी लोग यहां बीमार हुए। कुछ यूनिटों में काम करने वाले वर्करों के भी अस्वस्थ होने की सूचनाएं मिली हैं। वहीं वहां पर हवा में भी प्रदूषण बढ़ने की शिकायतें लोगों की ओर से की जा रही है।

उन्होंने कहा कि यह सारा मामला कमेटी की ओर से पुलिस और सिविल प्रशासन के ध्यान में भी लाया गया है। अब कमेटी द्वारा प्रदूषित पानी खुले में और भूमि के अंदर छोड़ने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इस के लिए जल्दी ही कमेटी की बैठक बुलाई जा रही है।


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