ईएनटी अस्पताल की पीजी डॉक्टर पर इलाज के नाम पर वसूली का आरोप
जागरण संवाददाता, अमृतसर मजीठा रोड स्थित ईएनटी अस्पताल में कार्यरत एक पीजी डॉक्टर ने पांच
जागरण संवाददाता, अमृतसर
मजीठा रोड स्थित ईएनटी अस्पताल में कार्यरत एक पीजी डॉक्टर ने पांच वर्षीय बच्चे के ट्रीटमेंट के लिए चार सौ रुपये लिए। आरोप है कि पीजी डॉक्टर ने रसीद नहीं दी और यह पैसे अपने पास रख लिए।
मजीठा रोड निवासी राजेश कुमार ने बताया कि उसका पांच वर्षीय बच्चा हर्ष कुमार घर में खेल रहा था। इस दौरान वह कागज से अपने कान में खुजली करने लगा। कागज का आधा हिस्सा कान में ही रह गया। वह चिल्लाने लगा। हम उसे ईएनटी अस्पताल ले आए। यहां कार्यरत एक पीजी डॉक्टर ने मुझसे चार सौ रुपये मांगे। मैंने सरकारी फीस समझकर दे दिए और पीजी से रसीद मांगी। पीजी ने कहा कि इसकी कोई रसीद नहीं मिलती, यह फाइल चार्ज है। मैंने कहा कि मैं बच्चे का ट्रीटमेंट करवाने आया हूं। फाइल तब बनाई जाती है जब मरीज को दाखिल करवाया जाए। इस पर पीजी ने कहा, यहां ऐसे ही होता है। इसके बाद पीजी ने बच्चे के कान में फंसा कागज एक मिनट में निकाल दिया और दवा के नाम पर एक निजी मेडिकल कंपनी का सैंपल मेरे हाथ में थमा दिया।
राजेश ने कहा कि सरकारी अस्पताल में मरीजों से पैसों की वसूली की जाती है। ऐसे कई मरीज हैं जिनके पास पैसे नहीं होते तो डॉक्टर इलाज करने से इंकार कर देते हैं। वहीं आरटीआइ कार्यकर्ता रा¨जदर शर्मा राजू ने कहा कि राजेश के साथ घटित घटना इस बात की ओर इंगित करती है कि ईएनटी अस्पताल में भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां मरीजों का आर्थिक शोषण होता है। वैसे भी सरकार ने फाइल चार्ज 500 रुपये निर्धारित किया है। ऐसे में पीजी डॉक्टर ने बिना रसीद काटे 400 रुपये वसूले, जिससे साबित होता है कि यह पैसा उसकी जेब में गया होगा।
वहीं ईएनटी अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. जगदीपक ¨सह का कहना है कि पीजी डॉक्टर ने सरकारी फीस ली है। पीजी डॉक्टर ने मुझे बताया है कि उसने परिवार से कहा था कि वह अगले दिन आकर पर्ची ले जाएं। डॉ. जगदीपक के अनुसार इस मामले में कहीं भी मरीज का आर्थिक शोषण होने की बात सामने नहीं आई।