सरकारी बसों के अस्थायी कर्मियों ने किया विधायक डा. वेरका की कोठी का घेराव
पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों ने वर्षा होने के बावजूद अपनी मांगों को लेकर विधायक डा. राज कुमार वेरका के आवास माल रोड में धरना देकर आवाज बुलंद की।
संस, अमृतसर: पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों ने वर्षा होने के बावजूद अपनी मांगों को लेकर विधायक डा. राज कुमार वेरका के आवास माल रोड में धरना देकर आवाज बुलंद की। समूह कर्मचारी पंजाब रोडवेज वर्कशाप से सुबह 10:30 डिपो प्रधान अमृतसर टू केवल सिंह, व्यापार हीरा सिंह की अध्यक्षता में कोठी के बाहर पहुंचे। पुलिस ने विधायक डा. वेरका के आवास पर सुरक्षा के पहले से प्रबंध किए हुए थे।
इस कारण पनबस पीआरटीसी का पहिया जाम रहने से बस में सफर करने वाले यात्रियों को कई रूटों पर जाने के लिए परेशानी उठानी पड़ी। पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने रविवार को पूरे पंजाब में मंत्रियों व विधायकों का घेराव करने का कार्यक्रम बनाया था। धरने में डा. वेरका ने खुद आकर कर्मचारियों को भरोसा दिया कि 14 सितंबर को मुख्यमंत्री के साथ यूनियन की जो बैठक हो रही है, उसमें यूनियन का प्रतिनिधित्व करेंगे तथा कर्मचारियों को पक्का करने के लिए मुख्यमंत्री से अपील करेंगे। इस भरोसे के साथ ही यूनियन ने धरना दोपहर 12:30 बजे समाप्त कर दिया।
यूनियन के अमृतसर डिपो नंबर वन के प्रधान हीरा सिंह और टू के प्रधान केवल सिंह ने बताया कि सरकार उनकी मांगों के प्रति संजीदगी से कार्य नहीं कर रही है। सरकार उनको परेशान कर रही है। सरकार द्वारा ड्राइवरों तथा कंडक्टर का शोषण किया जा रहा है। कम वेतन में जोखिम भरा काम कर रहे हैं। पिछले कई वर्षों से पिछले कई वर्षों से ठेके पर कार्य कर रहे कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उनको पक्का नहीं किया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट माफिया के कारण सरकारी बसों का नुकसान हो रहा है। सरकार को करीब 10000 नई बसें चलानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का 2016 का नियम लागू करना चाहिए। इस अवसर पर बलजीत सिंह, शिवपाल सिंह, कुलजीत सिंह, प्रेम सिंह, गुरमुख सिंह, सुखबीर सिंह, हरपाल सिंह, गुरमीत सिंह शामिल थे। हड़ताल सातवें दिन में, कई रूट प्रभावित हुए
यूनियन की हड़ताल रविवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गई। हड़ताल के कारण चंडीगढ़, लुधियाना, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली व अन्य छोटे रूट प्रभावित हुए हैं। क्योंकि अधिकतर बसें पनबस पीआरटीसी की चलाई जाती हैं। हड़ताल कारण जहां यात्रियों को परेशानी आ रही है। वहीं विभाग को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस समय अधिकतर बसें निजी चल रही है तथा कुछेक बसें पंजाब रोडवेज की चल रही हैं।