कल मनाया जाएगा ईद-उल फितर का त्योहार
। कोरोना के प्रकोप को लेकर 25 मई को मनाए जाने वाला ईद-उल फितर का त्योहार मुस्लिम भाईचारा घरों में रहकर ही मनाएगा।
संवाद सहयोगी, अमृतसर
कोरोना के प्रकोप को लेकर 25 मई को मनाए जाने वाला ईद-उल फितर का त्योहार मुस्लिम भाईचारा घरों में रहकर ही मनाएगा। लॉकडाउन-4 में धार्मिक स्थलों पर भीड़ एकत्रित न हो, इसलिए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी भाईचारे से अपील की है कि घर पर रहकर ही सादगी से ईद का त्योहार मनाएं।
उधर, मुस्लिम वर्ग के लोगों में ईद का त्योहार मनाने के लिए काफी उत्साह है, लेकिन नमाज अदा के लिए वे इस बार मस्जिद नहीं जा पाएंगे। पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीबु रहमान ने मुस्लिम भाईचारे से इस बार सादगी से त्योहार मनाने की अपील की है, इसीलिए बाजारों में उतनी भीड़ नहीं दिख रही, जितनी सामान्य दिनों में नजर आती है। हालांकि कुछ लोग परिवार के साथ बाजार में सवईया व अन्य सामान की खरीदारी करते दिखे। कुछ परिवारों ने एक-दूसरे भेंट करने के लिए मिठाईयां भी खरीदीं।
अमृतसर में डेढ़ दर्जन से अधिक मस्जिदें हैं। जामा मस्जिद हाल बाजार व अन्य मस्जिदों में रह रहे लोगों द्वारा मस्जिदों में ही नमाज अदा की जाएगी। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के चेयरमैन मानिक अली ने कहा कि पूरा विश्व इस समय कोरोना संक्रमण की चपेट में है। इसलिए हमें इस बार पूरी सावधानी से घरों में रहकर ईद-उल फितर का त्योहार मनाना चाहिए और अल्लाह से इस संकट से छुटकारा पाने के लिए दुआ करनी चाहिए। पिछले वर्ष ईद से दो तीन दिन पहले ही बाजारों में भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी, लेकिन इस बार ऐसा नही होगा। लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पर फर्क पड़ा है, जिस कारण बाजारों में खरीदारी भी कम हो रही है।
मजलिस अहरार इस्लाम ए हिद के पंजाब के प्रधान अब्दूल नूर ने कहा कि मुस्लिम वर्ग ने ईद के पवित्र त्योहार को सादगी से मनाने का निर्णय लिया है। लोग घर पर ही नमाज अदा करेंगे।