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ग्रामीण क्षेत्र में नहीं पहुंच रही शिक्षा की लौ, अंधकार में बच्चों का जीवन

कोविड-19 की महामारी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की चिता शिक्षा को लेकर अब बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 07:19 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्र में नहीं पहुंच रही शिक्षा की लौ, अंधकार में बच्चों का जीवन
ग्रामीण क्षेत्र में नहीं पहुंच रही शिक्षा की लौ, अंधकार में बच्चों का जीवन

जागरण टीम, अमृतसर : कोविड-19 की महामारी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की चिता शिक्षा को लेकर अब बढ़ती जा रही है। सरकारी निर्देशानुसार भले ही ऑनलाइन शिक्षा के साथ-साथ टेलीविजन (टीवी) पर शिक्षा को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं, जबकि हकीकत यह भी है कि एकदम से उक्त विकल्पों को देहात के सुदूर क्षेत्रों तक पर्याप्त संसाधनों के साथ खड़ा नहीं किया जा सकता है। खेतीबाड़ी करने वाली बड़ी आबादी के बीच शिक्षा को लेकर चिता का माहौल बनता जा रहा है। हाल ही में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के निर्देशों के मुताबिक कई विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन परीक्षा की रूपरेखा तैयार करते हुए तारीखों की घोषणा भी करने की तैयारी है। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में भी सबसे ज्यादा दिक्कतें ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को ही आने वाली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी में शिक्षा और ऑनलाइन परीक्षा आदि को लेकर विद्यार्थियों सहित उनके अभिभावकों और अध्यापकों ने परेशानियों से अवगत करवाया है। ऑनलाइन के विकल्प से लोग हैं वंचित

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फतेहगढ़ चूढि़यां के गांव निजामपुरा निवासी हरमनप्रीत कौर का कहना है कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर ऑनलाइन के साथ-साथ टीवी के जरिए शिक्षा के लिए प्रयास किए हैं, मगर गांवों में आबादी का एक बड़ा हिस्सा दोनों ही विकल्पों से वंचित है, क्योंकि सरकार ने ऑनलाइन और टीवी शिक्षा के साथ ही तीसरे विकल्प कम्युनिटी रेडियो की भी बात की है, जोकि घरों में लुप्त हो चुका है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इंटरनेट व मोबाइल मुहैया करवाए सरकार

छेहरटा के अंतर्गत पड़ते गांव भैणी निवासी गुरजंट सिंह का कहना है कि शहरों के मुकाबले गांव टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी पिछड़े हुए हैं, जिसके चलते वर्तमान समय में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी खासी प्रभावित हुई है। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार को चाहिए कि बच्चों को इंटरनेट के साथ मोबाइल मुहैया करवाए, ताकि उनकी पढ़ाई का नुक्सान ना हो और वे पढ़ाई जारी रख सकें। ऑनलाइन पढ़ाई ने मुश्किलें बढ़ाई

ब्यास के कस्बा रईया निवासी आरती का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों द्वारा करवाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई मां-बाप के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है, क्योंकि उनकी बेटी मुस्कान और राधिका दसवीं व सातवीं बेटा ध्रुव लोवर किडन गार्डन (एलकेजी) में पढ़ता है और तीनों की ऑनलाइन क्लास का समय एक साथ है। ऑनलाइन क्लास ठीक है, मगर एक मोबाइल फोन से काम चलाने वाले परेशानी आ रही है।

बिजली निर्विघ्न सप्लाई होनी चाहिए

जंडियाला गुरू के अंतर्गत पड़ते गांव तारागढ़ तलावां निवासी गोपाल सिंह का कहना है कि एंड्रॉएड मोबाइल फोन व इंटरनेट की दिक्कत से उन्हें समस्या आ रही है। आर्थिक हालातों से कमजोर बच्चों के लिए महज टीवी ही सहारा है, मगर जब टीवी पर पढ़ाई करवाई जा रही होती है, तो अचानक बिजली बंद होने से परेशानी होती है। सरकार को चाहिए कि ऑनलाइन पढ़ाई को कारगर साबित बनाने के लिए बिजली निर्विघ्न सप्लाई होनी चाहिए।


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