श्री गंगा अष्टमी पर दुग्र्याणा तीर्थ के पवित्र सरोवर में जल भरेगा
अमृतसर श्री दुग्र्याणा तीर्थ के पवित्र सरोवर की कारसेवा समाप्त होने के बाद अब कमेटी की ओर से सरोवर के भीतर वाले हिस्से की रिपेयर करवाई जा रही है।
-तेजी से चल रहा है सरोवर को रिपेयर करने का काम
-डेढ़ क्विटल चांदी से श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का मुख्य गेट दिखाई देगा नई लुक में
फोटो 21, 22 व 23
कमल कोहली, अमृतसर
श्री दुग्र्याणा तीर्थ के पवित्र सरोवर की कारसेवा समाप्त होने के बाद अब कमेटी की ओर से सरोवर के भीतर वाले हिस्से की रिपेयर करवाई जा रही है। रिपेयर के बाद कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर की तरह चारों तरफ रैंप बनाने का काम शुरू होने की संभावना है। इस कार्य के पूरा होने के बाद श्री गंगा अष्टमी तक पवित्र सरोवर को जल से भर दिया जाएगा।
गंगा अष्टमी वाले दिन पवित्र सरोवर में हरिद्वार की तरह पुजारियों की ओर से श्री गंगा जी की आरती की जाएगी। तीर्थ परिसर में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर को जाने वाले मार्ग में लगे दरवाजे का भी नवीनीकरण कमेटी की ओर से शुरू करवा दिया गया है। इसके दरवाजे पर करीब डेढ़ क्विंटल चांदी लगाई जाएगी।
श्री दुग्र्याणा कमेटी के प्रधान एडवोकेट रमेश कुमार शर्मा ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में बताया कि पवित्र सरोवर की कारसेवा का पहला चरण पूरा होने के बाद अब श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के निचले हिस्से जो कि जल में डूबा होता है व पवित्र सरोवर के भीतर की रिपेयर का काम तेजी से किया जा रहा है।
पवित्र सरोवर को ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र की तरह बनाने का काम भी तेजी से शुरू हो जाएगा। इसमें पवित्र सरोवर में चारों तरफ रैंप तैयार किए जाएंगे, जिसमें साढ़े तीन फुट तक जल का लेवल रहेगा ताकि हर उम्र का श्रद्धालु बिना जोखिम डुबकी लगा सके और पूजा-अर्चना कर सके। स्वच्छता व सुरक्षा की दृष्टि से सरोवर में पिलर के मध्य में जाली लगाई जाएगी। ताकि कोई भी वस्तु गहराई वाले जल में न जा सके। यह सभी काम मई माह में होने वाली श्री गंगा अष्टमी तक पूरा हो जाएंगे। इस दिन पवित्र सरोवर में भक्तजन श्री गंगा आरती का आनंद उठा सकेंगे।
डेढ़ क्विंटल की चांदी से तैयार होगा दरवाजा
प्रधान रमेश शर्मा ने बताया कि श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर को जाने वाले मार्ग का दरवाजा वर्ष 1931 में लगा था। इस दरवाजे की लक्कड़ सागवान की थी जिस पर 30 किलो चांदी की लगाई गई थी। कमेटी की ओर से अब इस दरवाजे का पूर्ण नवीनीकरण करने का काम शुरू करवाया है। इसके तहत इस दरवाजे की लकड़ी वही रहेगी तथा पुरानी चांदी उतार कर उसकी जगह करीब डेढ़ क्विटल नई चांदी लगाई जाएगी। उन दरवाजों में ठाकुर जी के स्वरूप की भी नक्काशी की जाएगी।
पहले इस दरवाजे की सेवा लाला गुरु सहाय मल्ल कपूर ने की थी। उसके बाद लाला बनी मल्ल, बबलू मल्ल, फकीर चंद, अरूढ़ी मल्ल व फकीर चंद मेहरा ने इस पर चांदी लगाने की सेवा निभाई। इन दरवाजों में श्री राधा कृष्ण, भगवान शिव, श्री सत्य नारायण, माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, शेर, चक्र व अन्य देवी देवताओं के चित्र अंकित हैं। आगामी कुछ दिनों के बाद इन दरवाजों को भक्तजन नई लुक में देखेंगे। जिसमें कई देवी देवताओं के चित्र अंकित होंगे। इस काम को पूरा करने के लिए कारीगर तेजी से काम कर रहे हैं।