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हाईटेक हुए तस्कर, भट्ठियों को चलाने के लिए गैस सिलेंडर का कर रहे थे इस्तेमाल

भारत-पाक सीमा पर पड़ते ख्याल कलां गांव सोमवार तड़के चार बजे पुलिस छावनी में तबदील हो चुका था। तीन थानों के 130 पुलिस अधिकारियों ने दबिश दी तो गांव के लोग घटना स्थल पर एकत्र होने लगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 04:30 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 04:30 AM (IST)
हाईटेक हुए तस्कर, भट्ठियों को चलाने के लिए गैस सिलेंडर का कर रहे थे इस्तेमाल

नवीन राजपूत, अमृतसर

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भारत-पाक सीमा पर पड़ते ख्याल कलां गांव सोमवार तड़के चार बजे पुलिस छावनी में तबदील हो चुका था। आठ आरोपितों के घर तीन थानों के 130 पुलिस अधिकारियों, मुलाजिमों और एक्साइज विभाग की टीमों ने दबिश दी तो देखते ही देखते गांव के लोग घटना स्थल पर एकत्र होने लगे। पता चला कि गांव में तो अवैध शराब की मिनी डिस्टिलरी चल रही है। हैरानी की बात यह थी कि यह अवैध धंधा पुलिस की नाक तले चल रहा था। पुलिस के खुफिया तंत्र भी इसे पता नहीं लगा पाए। पुलिस ने वहां से 1.10 लाख लीटर लाहन और शराब के 62 ड्रम इत्यादि बरामद किए।

एक्साइज विभाग और पुलिस के ज्वाइंट आपरेशन में बरामद शराब के इस बड़े जखीरे ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यानि पुलिस छोटे-मोटे तस्करों को पकड़कर कार्रवाई का दावा करती रही और गांव ख्याला में बड़ी मछलियां अपने काम में जुटी रहीं जिसकी पुलिस के खुफिया विभाग को भनक तक नहीं लगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शराब तस्करों के कब्जे से छह चालू भट्ठियां बरामद की गई हैं। ये तस्कर इतने हाईटेक हो गए हैं कि शराब तैयार करने के लिए भट्ठी में लकड़ी या फिर कोयले का इस्तेमाल करने के बजाय रसोई गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो काफी खतरनाक हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

दूसरा आरोपितों ने सीमेंट की होदियों से शराब की वेस्टेज को छप्पड़ तक पहुंचाने के लिए अंडरग्राउंड पाइप लाइन भी बिछा रखी थी। जिसके माध्यम से किसी किसी को उनके अवैध धंधे के बारे में पता भी नहीं चलता था। पुलिस दावा कर रही थी कि पिछले छह महीने से शराब माफिया पर शिकंजा कसा हुआ है लेकिन सोमवार को बरामद हुए इस शराब की भट्ठियों से पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हो गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 28 अगस्त 2020 से अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा था। जहरीली शराब की घटना के बाद 1574 मामले दर्ज कर 1018 आरोपित पकडे

मुच्छल गांव में अगस्त 2020 को जहरीली शराब पीने से कुल 11 लोगों की मौत हो गई थी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के आदेश पर एफआइआर दर्ज करते हुए लुधियाना, तरनतारन और अमृतसर से 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल मामला कोर्ट में अंडर ट्रायल है। इस घटना के बाद पुलिस आज तक 1574 मामले दर्ज कर 1018 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन आरोपित जमानत पर छूटते ही फिर शराब के कारोबार में जुड़ जाते हैं। एसपी शैलेंद्र शैली ने बताया कि आने वाले दोनों में प्रत्येक गांव में छापामारी की जाएगा। अवैध शराब का कारोबार करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। हो सकती थी मुच्छल गांव जैसी घटना

अगस्त 2020 में अवैध शराब पीने से कुल 11 लोगों की मौत हो गई थी। ख्याला कलां में भी छापामारी के दौरान पुलिस ने पाया कि शराब तस्करों के पास ऐसा कोई मानदंड नहीं है जो शराब की डिग्री जांच सके। मुच्छल गांव में भी तस्करों के पास शराब की डिग्री मापने वाला कोई पैमाना नहीं था। जिस कारण उक्त हादसा हुआ था।


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