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सैनिटाइजर का बाजार गर्म, नकली-असली की पहचान नहीं

कोरोना काल में जिस वस्तु की सर्वाधिक बिक्री हुई है वह सैनिटाइजर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 11:48 PM (IST)
सैनिटाइजर का बाजार गर्म, नकली-असली की पहचान नहीं
सैनिटाइजर का बाजार गर्म, नकली-असली की पहचान नहीं

जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना काल में जिस वस्तु की सर्वाधिक बिक्री हुई है वह सैनिटाइजर है। दूसरी तरफ हाथों को वायरस मुक्त करने वाला सैनिटाइजर कितना सुरक्षित एवं मानकों पर खरा उतरता है, यह जानने का कोई प्रयास नहीं करता। यहां तक कि इसकी बिक्री करने वाले दुकानदारों को भी इससे कोई सरोकार नहीं।

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अमृतसर में ड्रग विभाग ने सैनिटाइजर की जांच के लिए छापामारी की थी। इस दौरान शहर के विभिन्न भागों में पहुंचकर 15 सैंपल भरे गए। इन सैंपलों की लेबोरेट्री जांच में दो सैंपल फेल पाए गए। एक सैंपल में एल्कोहल की मात्रा कम थी, जबकि दूसरे की लेवलिग ठीक नहीं थी। ये दोनों ही सैंपल हिमाचल प्रदेश की दो अलग-अलग दवा उत्पादक कंपनियों द्वारा तैयार किए गए थे। हालांकि सैंपलों में कोई हानिकारक पदार्थ यानी मेथनॉल नहीं था, इसलिए विभाग ने चेतावनी देकर छोड़ दिया। हिमाचल से ही अमृतसर सहित पंजाब के कोने-कोने में सैनिटाइजर की आपूर्ति होती है। नकली सैनिटाइजर की शिकायत दें लोग: डॉ. सचदेवा

जोनल ड्रग लाइसेसिग अथॉरिटी डॉ. करुण सचदेवा का कहना है कि हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि नकली सैनिटाइजर की आपूर्ति की शिकायत उन्हें दें ताकि ऐसे विक्रेताओं व उत्पादकों पर सख्त कार्रवाई की जा सके। पिछले समय में हमने सैंपल भरे हैं, जिनमें से दो फेल हुए हैं। इस छापामारी के बाद बाजार में घटिया सैनिटाइजर की बिक्री पर विराम लगा है। 60 फीसद इथेनॉल और 70 फीसद आइसोप्रोनोल वाला सैनिटाइजर बेस्ट

श्री गुरु रामदास अस्पताल वल्ला के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर मनिदर सिंह का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर जरूरी है। साथ 60 प्रतिशत इथेनॉल और 70 प्रतिशत आइसोप्रोपेनोल हो तो यह सुरक्षित माना जाता है। एक्सपायरी डेट वाला सैनिटाइजर बिल्कुल न खरीदें। हालांकि सैनिटाइजर से बेहतर साबुन है। हाथों को तकरीबन बीस सेकेंड तक साबुन से धोएं, इससे कोरोना सहित कोई भी वायरस नष्ट हो जाएगा। अंधा कर सकत् है मेथनॉल युक्त सैनिटाइजर

मेथनॉल युक्त सैनिटाइजर के प्रयोग से जी मिचलाना, चक्कर आना, थकान एवं कमजोरी व आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है। इससे अंधापन व जान तक जा सकती है। यह त्वचा को खुश्क बना सकता है और सूजन का कारण बन सकता है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक है। यह ज्वलनशील होता है और जल्दी आग पकड़ लेता है।


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