डीआरएमई के सामने फरियादी बने प्रोफेसर, डॉक्टर और दर्जा चार कर्मचारी
अमृतसर मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के डायरेक्टर (डीआरएमई) अवनीश कुमार बुधवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहुंचे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के डायरेक्टर (डीआरएमई) अवनीश कुमार बुधवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहुंचे। डीआरएमई ने मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों व टी¨चग स्टाफ के साथ बैठकें कीं, वहीं गुरुनानक देव अस्पताल में व्यवस्थागत खामियों का आकलन भी किया। हालांकि इन बैठकों में टी¨चग स्टाफ व प्रोफेसरों को डीआरएमई की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिले। कुछ प्रोफेसरों ने दबी जुबान में कह दिया कि ऐसी यूजलैस मी¨टगों का क्या फायदा। दूसरी तरफ डीआरएमई ने मीडिया से यह कहकर किनारा कर लिया कि वे यहां पर्सनल काम से आए हैं।
सुबह नौ बजे मेडिकल कॉलेज की ¨प्रसिपल डॉ. सुजाता शर्मा के कक्ष में पहुंचे डीआरएमई ने कॉलेज व अस्पताल के कामकाज की समीक्षा की। इसके बाद वह रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों से मिले। एसोसिएशन के प्रधान प्रधान डॉ. अमनदीप ¨सह ने डीआरएमई से कहा कि मेडिकल कॉलेज छात्रों की फीस बहुत ज्यादा है। फर्स्ट ईयर में छात्रों से 1.25 लाख, सेकेंड ईयर में 1.50 लाख एवं थर्ड ईयर में 1.75 लाख फीस ली जा रही है। ऐसे में एमबीबीएस की पढ़ाई में 4.50 लाख खर्चने पड़ रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व एक लाख में ही डिग्री पूरी हो जाती है। डॉ. अमनदीप ने कहा कि फीस स्ट्रक्चर कम किया जाए। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में पुराने हॉस्टलों को नया रूप दिया जाए। विभाग की ओर से कॉलेज में नए हॉस्टल बनाए जा चुके हैं, पर इन्हें खोला नहीं गया। डीआरएमई ने रेजिडेंट डॉक्टर्स को आश्वस्त किया कि उनकी मांगें शीघ्र पूरी कर दी जाएंगी।
इसके बाद मेडिकल कॉलेज में कार्यरत दर्जा चार कर्मचारियों ने तालमेल कमेटी पैरा मेडिकल एवं सेहत कर्मचारी यूनियन के प्रधान न¨रदर ¨सह की अगुवाई में डीआरएमई से मिलकर अपनी मुश्किलें गिनाईं। प्रेम चंद, जतिन शर्मा, सतीश कुमार, मनदीप ¨सह, बल¨वदर ¨सह राम कलफ, अमन कुमार आदि ने डीआरएमई को मांगपत्र सौंपा। इसमें ठेका सिस्टम में काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी करने, खाली पदों पर दर्जा चार कर्मियों की रेगुलर भर्ती, डीएमएलटी डिप्लोमा पास लैब अटेंडेंट को तुरंत पदौन्नत करने तथा मेडिकल लैब टैक्नीशियन ग्रेड-1, 2 को तरक्की देने की मांग की गई। इन कर्मचारियों ने नकद वर्दी भत्ता, पुरानी पेंशन लागू करने की मांग भी रखी।
इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के सदस्य भी डीआरएमई से मिले। यूनियन के नेता डॉ. मनसिमरत ¨सह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में खेलों के लिए सरकार द्वारा जारी किए जाने वाला फंड समय से नहीं मिलता। ऐसे में कई बार स्पोर्ट्स एक्टिविटी नहीं हो पाती। इसके अलावा कॉलेज के खस्ताहाल हॉस्टलों का पुनर्निर्माण करना, लाइब्रेरी, लेक्चर रूम की रिपेयर व साफ-सफाई करवाने का मुद्दा भी इन छात्रों ने रखा।
प्रोफेसरों ने भी उठाईं मांगें
पंजाब स्टेट मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन की प्रधान डॉ. मृदु ग्रोवर ने डीआरएमई के समक्ष टीचर्स की मांगों को रखा। उन्होंने कहा कि टाइम बाउंड परमोशन करना जरूरी है। वहीं सेवानिवृत्त हो चुके डॉक्टरों को री-इंप्लांट मिलने के बाद क्या वह किसी विभाग का प्रभारी बन सकता है।
डॉ. ग्रोवर ने पीजी, रेजिडेंस के साथ-साथ गर्ल्स हॉस्टल का भी मुद्दा उठाया। इन्हें नए हॉस्टल में शिफ्ट करने की मांग उठाई। कुल मिलाकर डीआरएमई ने सभी टी¨चग, रेजिडेंट डॉक्टरों व दर्जा चार कर्मचारियों को आश्वासन की घुट्टी पिलाई।