डा. सेठी ने संभाला सिविल सर्जन का पद, डा. नवदीप चंडीगढ़ रवाना
। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की कमान डा. आरएस सेठी के हाथों में आ गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की कमान डा. आरएस सेठी के हाथों में आ गई है। डा. नवदीप सिंह को सिविल सर्जन के पद से हटाकर स्वास्थ्य विभाग ने डा. आरएस सेठी को यह महत्वपूर्ण पद सौंपा है। डा. सेठी ने सोमवार को पदभार ग्रहण कर लिया, वहीं डा. नवदीप सिंह चंडीगढ़ को रवाना हो गए।
दरअसल, 17 नवंबर को सिविल अस्पताल स्थित लेबर रूम में महिला की डिलीवरी करके डा. नवदीप सिंह ने वीडियो बनवाकर इसे प्रसारित कर दिया था। महिला के स्वजनों ने सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी थी। वहीं पंजाब महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए डा. नवदीप सिंह, स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डा. प्रभदीप कौर जौहल और सिविल अस्पताल की चार गायनी डाक्टरों को 24 नवंबर को चंडीगढ़ तलब किया है।
बहरहाल, नवनियुक्त सिविल सर्जन डा. आरएस सेठी ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि कोरोना काल में जिम्मेवारी के साथ जवाबदेही भी बढ़ गई है। इस महामारी से निबटने के लिए प्रभावी योजना तैयार की जाएगी। सभी प्रोग्राम अधिकारियों व सहयोगी स्टाफ के साथ मिलकर इस वायरस से लड़ेंगे। दुर्भाग्यवश कोरोना ने अमृतसर में 475 जानें लील ली हैं। लोग मास्क पहनें, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर की संभावना प्रबल है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं डा. सेठी
डा. सेठी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। डा. नवदीप सिंह के मामले में उन्होंने कहा कि कमेटी जांच कर रही है। डा. नवदीप ने ही कमेटी बनाई थी। इसकी रिपोर्ट अभी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। इस मौके पर इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश शर्मा सहित समस्त स्टाफ ने डा. सेठी को सम्मानित किया। राकेश शर्मा ने कहा कि डा. सेठी निष्पक्ष व ईमानदार अधिकारी हैं। उनके कुशल निर्देशन में पूरी टीम बेहतर काम करेगी। इस अवसर पर सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. चरणजीत सिंह, डिस्ट्रिक्ट एपिडिमोलाजिस्ट डा. मद मोहन, संजीव आनंद, डा. चंद्रमोहन, संजीव वर्मा, सहायक सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. इंद्रमोहन गुप्ता, रघ तलवाड़, अखिलेश कुमार उपस्थित थे। डा. नवदीप की खुद को बचाने की जोरआजमाइश नहीं आई काम
डा. नवदीप सिंह ने इस प्रकरण से निकलने के लिए हर जोड़ तोड़ आजमाई, पर वह सफल न हुए। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों की जांच के लिए खुद ही तीन डाक्टरों की कमेटी बनाई। खुद ही जांच रिपोर्ट टाइप करवाई। इसमें दर्ज किया कि 17 नवंबर को जो वीडियो वायरल हुआ वह उन्होंने नहीं बनवाया था। इसे बनाने वाला अज्ञात था। कमेटी सदस्यों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उनके हस्ताक्षर भी करवा लिए। इस लेटर को डा. नवदीप स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचाते, इससे पहले ही उनका स्थानांतरण हो गया।